राज्य के अनियमित-संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा हमेशा सुर्खियों में रहता है और यह मुद्दा चुनावी माहौल में अधिक जोर पकड़ता है जब कोई राजनीतिक पार्टियां इसके माध्यम से कर्मचारी वोट बैंक बटोरने की कोशिश करती है। वहीं इस बार भी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अनियमित और संविदा कर्मचारियों का मुद्दा जोर पकड़े हुए हैं जिस पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी घोषणा की गई है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़े आदेश पर मोहर लगाई गई है जिससे कर्मचारियों को काफी राहत मिली है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा की बारहमासी काम करने वाले या स्थाई प्रकृति से काम करने वाले कर्मचारी श्रमिकों को अनुबंध श्रम अधिनियम 1970 के तहत केवल नियमितीकरण से बचने के लिए अनुबंध श्रमिक नहीं माना जा सकता वह नियमित होने के हकदार है।
जस्टिस RS नरसिम्हा और संदीप मेहता की युगल पीठ में हुआ
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस RS नरसिम्हा और जस्टिस संदीप मेहता की युगल पीठ में अनियमित और संविदा कर्मियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए कहा गया की बारहमासी और स्थाई प्रकृति के कर्मचारियों का काम किसी भी अनियमित या संविदा कर्मी से नहीं करवाया जा सकता इसके लिए नियमित यह स्थाई कर्मचारी का होना आवश्यक है उन्हीं से यह काम करवाया जा सकता है।
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कोलफील्ड ने किया था 19 श्रमिकों को नियमित
दरअसल बारहमासी कर्मचारियों का काम संविदा कर्मियों से करवाने का मामला कोल इंडिया कंपनी की सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स से जुड़ा है। बता दें कोलफील्ड्स कंपनी की तरफ से कुल 32 श्रमिकों में से 19 श्रमिकों को स्थाई करते हुए नियमित किया गया था, वहीं 13 श्रमिकों को यह कहकर नियमित करने से मना कर दिया था कि वह आकस्मिक है और बारहमासी कर्मचारी नहीं है जबकि इन कर्मियों से बारहमासी स्थाई कर्मचारियों के बराबर ही काम करवाया जाता है।
संविदा कर्मियों को किया जाएगा स्थाई
महानदी कोलफील्ड्स के 13 कर्मचारी जो की रेलवे लाइन के किनारे गंदगी हटाने का काम करते हैं उनको ट्रिब्यूनल ने अन्य श्रमिकों के समान नियमित होने का हकदार बताया था और कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया था जिसके बाद कोलफील्ड्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की यह तर्क देते हुए की ट्रिब्यूनल के पास संविदा कर्मियों को नियमित करने की शक्ति नहीं है जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखते हुए अनियमित-संविदा कर्मियों को नियमित करने का आदेश जारी किया है।
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