मध्य प्रदेश के इस गांव में नहीं होती लड़कों की शादियाँ, कारण जानकर हो जायेंगे हैरान (शादियां न करने की परंपरा)

आज के इस बदलते जमाने में क्या आपने कभी सोचा है कि अभी भी कोई ऐसा क्षेत्र है जहां पर शादियाँ नहीं करने की रीत चली आई है। दरअसल हम मध्य प्रदेश के ऐसे गांव के बारे में बात कर रहे हैं जहां आज भी लड़कों की शादियां न करने की परंपरा चली आ रही है। बता दें मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में आने वाले जनपद पंचायत घंसौर की ग्राम पंचायत अगरिया खुर्द में आने वाली अगरिया कलां में आज भी युवाओं की शादियां नहीं होती। 

सिवनी का यह अगरिया गांव 600 मजदूर परिवारों के गांव के रूप में जाना जाता है, यहां के ग्रामीणों का जीवन सिर्फ कृषि और मजदूरी पर ही निर्भर रहता है। बता दें इस गांव में दशकों से पीने के पानी की बड़ी समस्या रही है। मध्य प्रदेश सरकार की कोई भी योजना यहां पर कारगर साबित नहीं हुई क्योंकि सरकारी योजनाओं ने इस गांव में आकर सिर्फ कागजों पर ही अपना दम तोड़ दिया है। 

अगरिया गांव में रहते हैं आदिवासी वर्ग के लोग 

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के अगरिया गांव में आदिवासी वर्ग के लोग रहते हैं जो अधिकतर जल की समस्या से झुलसते हुए कृषि और मजदूरी के सहारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। आदिवासी वर्ग के लोग यहां बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करके रहते हैं जिस वजह से वह अपने बच्चों की खास करके लड़कों की शादियां नहीं करवा पाते। 

पेयजल के लिए जाना पड़ता है 2 किलोमीटर दूर  

इस गांव में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। यहां के ग्रामीणों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि लगातार बड़े नेता व अधिकारी यहां नेता नगरी करने आते रहते हैं लेकिन सिर्फ कागजी प्रक्रिया के यहां कुछ नहीं होता। जल अवर्धन योजना के तहत इस गांव में पानी की पाइपलाइन तो डाली गई लेकिन उससे नल के कनेक्शन नहीं दिए गए इसलिए आज भी यहां के ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए गांव से 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। 

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पानी की समस्या के चलते नहीं हो रही शादियां 

सिवनी जिले के अगरिया गांव के युवाओं की शादियां ना होने का कारण गांव में पीने का पानी नहीं पहुंचना है। दरअसल यह कोई कुप्रथा या श्राप नहीं है बल्कि एक सामाजिक मुद्दा है जिस पर सरकार का बिल्कुल ध्यान नहीं है। यहां के ग्रामीणों को 12 महीने पीने के पानी के लिए गांव से 2 किलोमीटर दूर साइकिल, बैलगाड़ी या सर पर पानी रखकर लाना पड़ता है जिस वजह से कोई भी लड़की वाले अपनी लड़की का रिश्ता यहां करने के लिए तैयार नहीं है ताकि उनकी लड़की को भी पेयजल की यह असुविधा न उठानी पड़े, यही कारण है की यहां के युवा कुंवारे ही रहते हैं।  

शासन ने दिया ग्रामीणों को आश्वासन 

ग्रामीणों की पीने के पानी की बड़ी समस्या को मद्देनज़र रखते हुए घंसौर के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विसन सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि जल निगम से बात करके पानी की इस बड़ी समस्या को जल्द से जल्द खत्म किया जाएगा और गांव तक पीने के पानी को पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाएगी। युवाओं की शादी ना होना एक सामाजिक मुद्दा है जिस पर ग्रामीणों को समझाइश दी जाएगी ताकि वह इस समस्या के चलते अपने बच्चों की शादियों को न रोकें। 

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