सरकार ने अनियमित मौसम और किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद को बदलने का निर्णय लिया है। इससे किसानों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हुई है, जिससे गेहूं के दानों में नमी और अन्य समस्याएं आई हैं।
इससे किसानों के लिए एमएसपी पर गेहूं बेचना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं क्रय करने के नियमों में बदलाव कर किसानों को छूट दी है ताकि वे अपना गेहूं सरकार को बेचकर लाभ प्राप्त कर सकें।
बता दे कि, सरकार ने इस बार 320 लाख मीट्रिक टन गेहूं को एमएसपी पर खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन एमएसपी नियमों के कारण सरकारी खरीद की गति धीमी हो गई है। इसके कारण, सरकार की ओर से किसानों को गेहूं बेचने के संबंध में नियमों में छूट दी जा रही है।
जानिए किन किसानों को मिलेगा लाभ
बदलाव के लाभ मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों को मिलेगा, क्योंकि यहां बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, और तेज तापमान से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। इस परिस्थिति में, दोनों राज्यों में एमएसपी नियमों में छूट देकर किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
किन-किन नियमों में किया गया बदलाव
- मध्यप्रदेश में सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए सिकुड़े दानों की मात्रा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 15 प्रतिशत तक कर दी है।
- अब गेहूं की चमक 50 फीसदी तक रखी गई है और कम चमक वाले गेहूं को भी पूरे एमएसपी पर खरीदा जाएगा।
- राजस्थान में भी 20 प्रतिशत सिकुड़े दानों की मात्रा होने पर गेहूं की एमएसपी पर खरीद की छूट प्रदान की गई है। और टूटे दानों की मात्रा 6 फीसदी ही रखी गई है
- राजस्थान में गेहूं की चमक 70 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इससे राजस्थान में भी 70 फीसदी चमक वाले गेहूं को पूरे एमएसपी पर खरीदा जाएगा।
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किन दरों पर हो रही हैं किसानों से गेहूँ खरीदी
केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी इस साल के लिए 2275 रुपए घोषित किया है, जिस पर 125 रुपए का बोनस राज्य सरकार की ओर से किसानों को दिया जा रहा है।
इससे राजस्थान और मध्यप्रदेश में किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं की खरीद की जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले दोनों राज्यों में बीजेपी शासित सरकार ने किसानों से 2700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद का वादा किया था, लेकिन अब उन्हें 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर ही खरीद की जा रही है।
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