मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने मकान बनाने और घर का नक्शा पास कराने को लेकर बड़ी घोषणा की है। MP भवन मानचित्र नियम 2024 के तहत, कुछ नए निर्देश जारी किए गए हैं। इन नियमों की जानकारी के माध्यम से, लोग भविष्य में होने वाले भवन निर्माण परियोजनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
मकान के नक्शा पास करने की घोषणा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घर बनाने वालों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। उन्होंने मकान के नक्शा पास करने के लिए एक नया तरीका शुरू किया है। सीएम ने कहा है कि अब घर के नक्शा पास कराने के लिए नगरीय निकाय के दफ्तरों में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। नक्शा पास करने के लिए कोई भी नगर निगम के दफ्तर में जाकर फिस जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
MP भवन निर्माण योजना
MP भवन मानचित्र नियम 2024 राज्य सरकार के नई भवन निर्माण योजना के बारे में उन लोगों के लिए उपयोगी है जो भवन निर्माण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। MP भवन मानचित्र नियम 2024 के तहत, एमपी राज्य सरकार ने नई भवन निर्माण की योजना के संबंध में कुछ नियम और दिशानिर्देश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जो लोगों के मकान के नक्शा पास करने की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाएगा।
स्वत ही नक्शा पास करने का नया तरीका
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस बदलाव की घोषणा की और बताया कि अब नगरीय निकाय के चक्कर लगाने की जगह, नक्शा बनवाने के बाद निर्धारित शुल्क और नक्शा पेश करके लोग स्वत: ही अपने मकान का नक्शा पास कर सकेंगे। यह सिस्टम निर्भर करेगा कि नक्शा बनाने वाले व्यक्ति निर्धारित शुल्क भर लें और नक्शा पेश करें, तो उनका नक्शा स्वत: ही पास हो जाएगा।
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पटवारी के चक्कर से मुक्ति
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि इस नए सिस्टम के तहत अब मध्य प्रदेश में जमीन और भूखंड खरीदने के बाद पटवारी के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह नियम लागू होने से भूमि की दस्तावेजीकरण प्रक्रिया में भी सुधार होगा और लोगों को अधिक सुविधा मिलेगी। रजिस्ट्री के साथ ही भूमि और भूखंड खरीदने के बाद पटवारी के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। रजिस्ट्री के साथ ही उनके नामांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।
मुख्यमंत्री की सलाह
डॉ मोहन यादव ने नए भवन बनाने वालों को सलाह दी है कि वे नगर निगम के नियमों का पालन करें और अपने नक्शे को तीव्रता से बनवाएं। नक्शा निर्माण में कोई भी गलती न हो, ताकि नक्शे के मुताबिक ही भवन बनाया जा सके और नगर निगम को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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