इंदौर नगर निगम: मध्यप्रदेश के इंदौर नगर निगम का वित्त वर्ष 2025-26 का बजट आज पेश होने जा रहा है, जिसमें आम नागरिकों पर कर का बोझ बढ़ना तय है। वर्ष 2024-25 के बजट में प्रस्तावित कॉलोनियों के रेट जोन में बदलाव को इस वर्ष एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव नगर निगम मुख्यालय स्थित अटल बिहारी वाजपेयी परिषद सभागृह में इसे प्रस्तुत करेंगे। लगभग 8200 करोड़ रुपये के इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है, लेकिन फिर भी आम नागरिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ने वाला है।
क्यों बढ़ेगा कर बोझ
- संपत्ति कर में बढ़ोतरी: वर्ष 2024-25 के बजट में प्रस्तावित कॉलोनियों के रेट जोन में बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। इससे 500 से अधिक कॉलोनियों में संपत्ति कर 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
- हरियाली उपकर: पिछले बजट में 2% हरियाली उपकर लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया था। इसे अब 1 अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा, जिससे संपत्ति कर में अतिरिक्त वृद्धि होगी।
- जल कर में वृद्धि: जल कर की दरों में पहले की गई बढ़ोतरी भी इस वर्ष से लागू हो जाएगी।
बजट के मुख्य प्रस्ताव
इस बार बजट में विभिन्न बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान दिया गया है। 30 प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा, जिनमें प्रमुख हैं:
- नर्मदा जल परियोजना का चौथा चरण – नगर निगम नए जल आपूर्ति स्रोतों के लिए काम करेगा।
- निगम मुख्यालय के लिए नया भवन – इसके लिए 250 करोड़ रुपये का ऋण लेने का प्रस्ताव है।
- सड़कों का निर्माण – मास्टर प्लान की सड़कों के साथ-साथ अन्य सड़कों के विकास का प्रस्ताव।
- सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना – शहर में स्वच्छता और जल प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए नए प्लांट बनाए जाएंगे।
- वर्कशॉप निर्माण – नगर निगम के वाहनों और अन्य सेवाओं के लिए नई वर्कशॉप बनाई जाएगी।
दो दिन चलेगा बजट सम्मेलन
- पहला दिन (गुरुवार): महापौर पुष्यमित्र भार्गव बजट पेश करेंगे।
- दूसरा दिन (शुक्रवार): बजट पर चर्चा और बहस होगी। भाजपा ने 30 पार्षदों को अपनी बात रखने की जिम्मेदारी दी है, जबकि कांग्रेस ड्रेनेज घोटाले को लेकर महापौर पर निशाना साधने की तैयारी में है।
इंदौर नगर निगम का यह बजट कोई नया कर नहीं लगाकर भी आम जनता पर करों का भार बढ़ाने वाला है। संपत्ति कर, जल कर और हरियाली उपकर की दरें बढ़ने से नागरिकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। अब देखना यह होगा कि बजट पर होने वाली चर्चा में इसके कौन-कौन से प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है।
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