मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य में गेहूं के समर्थन मूल्य की खरीदी की तारीख को 20 मई 2024 तक बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों की चिंता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया, और खाद्य विभाग ने इसे स्वीकार कर लिया है।
पहले, इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में 7 मई और जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग में 15 मई तक गेहूं की खरीद की जानी थी। लेकिन कई किसानों के गेहूं समय पर पहुंच नहीं पा रहे थे क्योंकि कटाई में देरी हो रही थी। किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तारीख बढ़ाने का निर्णय लिया, और आज इसका आदेश जारी किया गया।
गेहूं के समर्थन मूल्य पर खरीदी 20 मई तक बढ़ी
किसानों का समर्थन करने और गेहूं की न्यायसंगत खरीदी की सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में गेहूं की खरीदी की अंतिम तिथि 20 मई तक बढ़ा दी गई है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति, और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के उप सचिव ने तिथि को बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। मूल रूप से, नर्मदापुरम क्षेत्र में गेहूं की खरीदी की अंतिम तिथि 7 मई तक निर्धारित थी, जबकि जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, और चंबल क्षेत्रों में, यह 15 मई तक होना था। लेकिन अब, अंतिम तिथि को 20 मई तक बढ़ा दिया गया है जिससे प्रदेश में गेहूं की खरीदी और अधिक की जा सकें।
खरीदी केंद्र पर फसल बेचने के लिए नहीँ पहुँच रहे किसान
दरअसल्, जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम खमतरा के किसान अपनी फसल बेचने के लिए खरीदी केंद्र में नहीं आ रहे हैं। खरीदी प्रभारी ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन किसानों का अभाव देखा जा रहा है। खरीदी केंद्र अप्रैल 20 से कार्यालय में शुरू हो गया था, लेकिन 10 दिनों में केवल 13 किसानों ने ही अपनी फसल बेची है।
खरीदी प्रभारी दीनदयाल त्रिपाठी का कहना है कि 670 किसानों ने फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन अब तक केवल 13 किसानों ने इसका लाभ उठाया है। वे इस स्थिति को मंडी रेट में तेजी के कारण जानकर बता रहे हैं। इस समस्या की जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी दी गई है। तहसील के अन्य केंद्रों में भी ऐसी ही स्थिति है, और इस साल गेहूं की खरीदी में कमी का संकेत मिल रहा है।
केंद्र ने चमकहीन गेहूं पर दी 50 प्रतिशत की छूट
खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गेहूं की खरीदी के दौरान बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि हो गई थी। कलेक्टरों ने बताया कि खरीदी केंद्रों पर चमकहीन गेहूं का आगमन हो रहा है, जिसके कारण एफसीआई गेहूं को अस्वीकार कर रहा है। उस समय हमने केंद्र सरकार से ऐसी गेहूं की खरीदी करने के लिए छूट मांगी थी।
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केंद्र ने प्रदेश सरकार को 30 प्रतिशत छूट के साथ चमकहीन गेहूं की खरीदी की अनुमति दी। एक सप्ताह बाद, कलेक्टरों ने रिपोर्ट की कि टूटा और सिकुड़ा गेहूं भी आ रहा है। इस पर, विभाग ने भारत सरकार से 50 प्रतिशत छूट के साथ चमकहीन, टूटा और सिकुड़ा गेहूं की खरीदी की मांग की। दूसरी बार भी, केंद्र ने प्रदेश की मांग को स्वीकार किया। यह पहली बार है कि केंद्र ने इस तरह की बड़ी छूट दी है।
गेहूं किसानों को मिलेगा बोनस
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं के किसानों को समर्थन मूल्य पर बोनस देने का ऐलान किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश की मोहन सरकार गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए रखी है और इस पर 125 रुपए बोनस देने का प्रस्ताव भी पास हो चुका है। जिससे गेहूं का समर्थन मूल्य 2400 रुपए हो जाएगा और किसानभाईयों को इसका लाभ मिलेगा।
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