MP News: मध्य प्रदेश सरकार की नई पहल, राज्य के हर जिले में होगा पुस्तक मेले का अयोजन, आम जनता को मिलेंगे लाभ

मध्य प्रदेश के जिलों में पुस्तक मेले का आयोजन करने का नया प्रस्ताव लोगों के माध्यम से पढ़ाई और साहित्य को प्रोत्साहित करेगा। जबलपुर के कलेक्टर द्वारा शिक्षा माफिया के खिलाफ यह उपाय पुस्तक मेलों के माध्यम से ज्ञान और साहित्य को प्रमोट करने का अद्भुत कदम है।

जबलपुर कलेक्टर ने शिक्षा माफिया और निजी स्कूलों के छात्रों और अभिभावकों को ठगने के खिलाफ सख्ती से कदम उठाया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि इस गठजोड़ को तोड़ा जाएगा। निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। जबलपुर में कलेक्टर की पहल के तहत पहली बार एक पुस्तक मेला आयोजित किया गया, जिसमें कॉपी किताबें, स्कूल यूनिफॉर्म, और स्कूल बैग छूट दर पर बिके।

जबलपुर में पुस्तक मेला आयोजित किया गया

जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि प्रकाशकों और कॉपी-किताब विक्रेताओं के साथ-साथ यूनिफॉर्म और बैग बेचने वालों द्वारा जबलपुर में यह पुस्तक मेला आयोजित किया गया था ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके। इस पुस्तक मेले के दौरान, प्रदेश के कई जिलों ने इसमें रुचि दिखाई और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि हर बार राज्य सरकार ही कोई आदेश जारी करे यह जरूरी नहीं है। अक्सर जिला स्तर पर कोई नया उपाय आता है तो राज्य सरकार उसे प्रदेश में लागू करती है, जो पुस्तक मेले के साथ भी हुआ है।

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पुस्तक मेले की विशेषताओं को साझा करते हुए कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां अभिभावकों को सभी प्रकार की शैक्षिक सामग्री निःशुल्क और कम दाम पर उपलब्ध होती है। इसके साथ ही, दुकानदारों के बीच में प्रतियोगितात्मक व्यापार होता है, जिससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने इसे नियमित कार्यक्रम बनाने का भी ऐलान किया है, और अब हर साल इसे आयोजित किया जाएगा। तैयारी अक्टूबर माह से ही शुरू की जाएगी, जिससे मार्च में अभिभावकों को इस पुस्तक मेले का लाभ मिल सके।

राज्य सरकार ने की मेले की सराहना

जबलपुर के पुस्तक मेले की नई पहल की सराहना राज्य सरकार ने भी की है। स्कूल एजुकेशन विभाग ने घोषणा की है कि जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तर पर ऐसे पुस्तक मेले आयोजित किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला कलेक्टरों को दिए गए निर्देशों के अनुसार, अगर किसी जिले में निजी स्कूलों और प्रकाशकों के साथ गठजोड़ के कारण विद्यार्थियों और अभिभावकों को किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन करके प्रत्येक जिले में उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा और उसमें पुस्तक मेला आयोजित किया जाएगा।

लगभग 800 करोड़ व्यापार स्कूलों से जुड़ा है

कलेक्टर सक्सेना ने बताया कि अगले साल इस पुस्तक मेले को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। इसमें जबलपुर के साथ-साथ आसपास के जिलों के वेंडरों को भी शामिल किया जाएगा ताकि दुकानदारों के बीच में प्रतिस्पर्धा का माहौल बने। जबलपुर जिले में स्कूलों से जुड़ा व्यापार लगभग 800 करोड़ रुपये से अधिक का होता है, और इस बड़े व्यापार में शामिल होने के लिए दुकानदार उत्साहित रहेंगे।

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मेले में आचार संहिता के पालन का आदेश जारी

मेले में चुनाव आचार संहिता के पालन का आदेश जारी किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिया है कि पुस्तक मेले में कॉपी-किताबों के साथ-साथ यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री के स्टॉल भी प्रकाशकों और विक्रेताओं से लगवाए जाएं, ताकि एक स्थान पर सभी सामग्री उचित और न्यूनतम दर पर उपलब्ध हो सके।

कलेक्टरों को पुस्तक मेले के आयोजन में चुनावी आदर्श आचार संहिता का विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश पत्र में बताया है कि पुस्तक मेले का आयोजन भारतीय चुनाव आयोग से प्राप्त की गई है।

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