मध्य प्रदेश में बना फेल होने का रिकॉर्ड: इस गांव में भी 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्रा सब फेल, ग्रामीण हुए क्रोधित

मध्य प्रदेश में बना फेल होने का रिकॉर्ड: मध्य प्रदेश में कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड के नतीजे घोषित किया जा चुके हैं लेकिन शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा जब 1-2 छात्रों की बजाय पूरा का पूरा स्कूल ही फेल हुआ होगा। आमतौर पर सभी विद्यालय हर साल अपना अलग-अलग रिकॉर्ड बनाते हैं बोर्ड एग्जाम्स में ज्यादा से ज्यादा प्रतिशत से पास होने का, लेकिन क्या कभी आपने सुना होगा कि किसी विद्यालय ने फेल होने का रिकॉर्ड भी बनाया है। 

दरअसल यह मामला मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के एक गांव का है जहां पर वहां के विद्यालय ने बोर्ड परीक्षा में अपना एक अलग ही रिकॉर्ड बनाया है जिसको देखकर स्कूल अध्यापकों से लेकर पूरा प्रदेश हैरान हो गया। आमतौर पर स्कूलों के में दो से तीन छात्र एक दो नंबरों की कमी से पास होने से रह जाते हैं वहीं इस स्कूल में पूरे के पूरे छात्र बोर्ड परीक्षा में शून्य नंबरों से फेल हुए हैं। 

मध्य प्रदेश में बना फेल होने का रिकॉर्ड 

मध्य प्रदेश से हाल ही में एक चौका देने वाला मामला सामने आया है जिसकी वजह से प्रदेश में एक अलग ही रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। यह मामला मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी किए गए बोर्ड रिजल्ट से संबंधित है जिसमें मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के गांव मलफ़ा के एक स्कूल में रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। हालांकि यह रिकॉर्ड बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबरों से पास होने का नहीं बल्कि बोर्ड एग्जाम में शून्य अंक लाकर फेल होने का है। 

12वीं कक्षा के सारे विद्यार्थी हुए फेल 

मध्य प्रदेश के सभी जिलों के कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परिणाम जारी कर दिए गए हैं हालांकि इस बार नतीजे बहुत ज्यादा अच्छे नहीं रहे, किसी स्कूल ने अच्छा प्रदर्शन किया तो किसी स्कूल का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा लेकिन इस बीच सभी स्कूलों में सबसे बुरा प्रदर्शन बड़वानी जिले के मलफ़ा गांव का रहा जहां 12वीं कक्षा के 89 छात्रों ने पंजीकरण किया था परीक्षा के लिए जिसमें से 85 छात्र परीक्षा ही में बैठे।  

बता दें इन 85 छात्रों में से एक भी छात्र पास ना हो सका। सारे के सारे छात्र बोर्ड परीक्षा में फेल हुए जिसको देखकर अभिभावकों के साथ-साथ अध्यापक तक हैरान रह गए। 

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नतीजे देखकर ग्रामीण हुए क्रोधित  

बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट देखने के लिए सभी बहुत उत्सुक रहते हैं लेकिन मलफ़ा गांव के लोग बोर्ड के नतीजे देखकर काफी क्रोधित हुए और स्कूल प्रिंसिपल के पास अपनी नाराजगी व्यक्त करने पहुंचे। हालांकि एग्जाम में अच्छे बुरे अंक लाना शिक्षकों के हाथ में नहीं होता लेकिन शुरुआत नहीं छात्र का प्रदर्शन देकर शिक्षकों को उसकी क्षमता का अंदाजा हो जाता है जिससे वह छात्रों पर अधिक ध्यान देने की कोशिश करते हैं।  

बता दें अभिभावकों ने शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कक्षा में कभी पढ़ाई होती ही नहीं थी और स्कूल में अव्यवस्था के कारण उनके छात्रों के ऐसे परिणाम आए। वहीं छात्रों के ऐसे परिणाम को लेकर स्कूल प्रिंसिपल ने अभिभावकों से कॉपियां के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने की बात कही है। 

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