MP News: मध्य प्रदेश के मैहर जिले में महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों के द्वारा धान के समर्थन मूल्य (MSP) पर और गेहूं उपार्जित किए जाने में मनमानी को लेकर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि गेहूं उपार्जन सत्र 2024-25 में अव्यवस्था और मनमानी इस कदर चल रहे हैं कि जो समूह फर्जी रिकार्ड पर संचालित हैं, उन्हें भी उपार्जन केन्द्रों की जिम्मेदारी देने की तैयारी चल रही है।
हाल ही में दो समूहों के फर्जीवाड़े की शिकायत मैहर कलेक्टर के पास की गई है। जिसमें पहली शिकायत ग्राम पंचायत करौंदी एवं दूसरी शिकायत बिगौड़ी ग्राम की है। करौंदी ग्राम में अपात्र महिला को अध्यक्ष बनाने का आरोप लगाया गया है, तो वहीं बिगौड़ी में आरोप लगाया है कि अध्यक्ष और सचिव ने धान उपार्जन के लाभ का वितरण तक नहीं किया है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
खबरों की जानकारी के अनुसार ग्राम करौंदी में गेहूं खरीद केंद्र बनाए जाने को लेकर ग्रामीणों ने मैहर कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंप कर समूह की जांच कराने की मांग की है। ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत कर कहा गया कि करौंदी स्व-सहायता समूह का संचालन सीमा सिंह पति देवेंद्र सिंह के द्वारा किया जा रहा है। इनके द्वारा संचालित शकुन्तला स्व-सहायता समूह को गेहूं खरीदी केंद्र के लिए प्रस्ताव दिया गया है। जिसकी कोई जानकारी सदस्यों को नहीं दी गई है। फर्जी दस्तावेज के माध्यम से गेहूं खरीदी केंद्र संचालित की जानी की कोशिश हो रही है।
उनका कहना है कि समूह द्वारा न तो कोई बैठक होती है और न ही अन्य सदस्यों को शकुन्तला स्वसहायता केंद्र से कोई लाभ प्राप्त होता है इस समूह की अध्यक्ष वर्तमान में करौंदी ग्राम की सरपंच हैं और इनके पति आयकर दाता हैं, एवं अध्यक्ष के पास लगभग 40 एकड़ की जमीन है, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शकुन्तला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष एक सामान्य वर्ग की महिला है, लेकिन जाति को छिपाकर ओबीसी एनआरएल की सूची में अपना नाम फर्जी रूप से दर्ज कराया है।
समूह के अधिकांश सदस्य उनके घर परिवार से संबंधित हैं, इसके बाद भी अगर उन्हें गेहूँ खरीदी केंद्र दिया गया, यदि इनके द्वारा गेहूँ खरीदी लेन-देन में भ्रष्टाचार किया गया तो हम गरीब सदस्य इनके भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगे।
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यह भी आरोप लगाया गया
ग्राम बिगौड़ी में भी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने प्रियंका स्व सहायता के खिलाफ शिकायत कर मोर्चा निकाला जा रहा है उन्होंने आरोप लगाते हुए शिकायत पत्र में लिखा है कि पंजीयन क्रं .एमपी 67953 में संचालित समूह के द्वारा पिछले वर्ष मध्यान्न भोजन वितरण का कार्य किया गया था। वर्ष 2021-22 से समूह की अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के द्वारा उपार्जन का कार्य किया जा रहा है।
इन कार्यों के माध्यम से लगभग 50 लाख रुपये तक लाभ प्राप्त हुआ है जिसे समूह की अध्यक्ष उषा पटेल एवं कोषाध्यक्ष अनुराधा पटेल के द्वारा संयुक्त दस्तक कर राशि निकाल कर स्वयं के कार्यों में खर्च करतीं हैं जबकि समूह के लाभ का वितरण सभी सदस्यों के मध्य होना चाहिए जिससे सभी सदस्यों का आथिर्क उत्थान हो सके लेकिन अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के द्वारा समूह के सदस्यों को छोड़ कर मनमानी एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि उनके द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।
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