नियमितीकरण: देशभर के संविदा कर्मी जिनका केवल एक ही सपना होता है पक्की नौकरी करने का वह अब सच हो गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम जिसको मनरेगा के नाम से भी जाना जाता है उसमें संविदा पर लगे कर्मचारियों का स्थाई होने का सपना भी अब साकार होने जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री हाल ही में बड़ा फैसला लेते हुए मनरेगा में लगे संविदा कर्मियों को स्थाई करके उनकी नौकरी पक्की करने का बड़ा ऐलान किया है।
आखिर क्या है मनरेगा योजना?
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम जिसे आमतौर पर मनरेगा के नाम से भी जाना जाता है इस स्कीम के तहत पंजीकरण करवाने वाले लाभार्थियों को साल में 100 दिन का गारंटी से रोजगार प्रदान किया जाता है मनरेगा योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के श्रमिकों को प्राप्त होता है जो सड़कों तालाबों और नहरों पर काम करते हैं। मनरेगा योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को उनके आवास के 5 किलोमीटर के दायरे में ही गारंटीड रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
1500 कर्मियों को किया जाएगा नियमित
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल में मनरेगा में लगे संविदा कर्मियों को नियमित करने का बड़ा फैसला लिया है जिसके संबंध में राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के नियम 20 के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में सृजित 4966 निर्धारित पदों पर शासकीय मंजूरी 7 मार्च 2024 को जारी कर दी गई है जिसके तहत राज्य के 1500 का संविदा कर्मियों को नियमितीकरण का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।
कौन से संविदा कर्मी होंगे नियमित?
राजस्थान सरकार द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक राज्य के मनरेगा में लगे 1500 संविदा कर्मियों को नियमित किया जाएगा जिन्होंने 9 साल की अवधि या उससे अधिक तक की संतोषजनक सेवा पूरी कर ली हो। कर्मचारियों की इस 9 साल की सेवा की गणना 1 अप्रैल 2024 के आधार पर की जाएगी। वहीं इस नियमितीकरण का लाभ अन्य विभाग या योजना के अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
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