MP News: हाल ही में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोप लगाए हैं जिस पर हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश ने सुनवाई करते हुए पत्नी द्वारा लगाए गए इस गंभीर आरोप को रद्द करते हुए कहा की शादी के बाद पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध कोई अपराध नहीं है।
हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश में पति-पत्नी के फिजिकल रिलेशन के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पत्नी द्वारा दर्ज की गई याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति GS अहलूवालिया की एकल पीठ में हुई सुनवाई में पति के खिलाफ दर्ज धारा 337 और 506 के तहत की गई FIR को रद्द कर दिया गया है।
पत्नी ने की पति के खिलाफ FIR दर्ज
नरसिंहपुर की निवासी पत्नी ने अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में FIR दर्ज की। बता दें आरोपी पति ने अपने ऊपर लगी इस FIR को रद्द करवाने के लिए हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिस पर हाईकोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश में सुनवाई करते हुए पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आदेश दिया गया कि वैवाहिक दुष्कर्म को अब तक मान्यता नहीं दी गई है इसलिए आवेदक पति के खिलाफ चले इस आपराधिक मुकदमे को रद्द किया जाता है।
पति ने किया था तलाक के लिए आवेदन
पत्नी द्वारा अपने पति पर लगाए गए अप्राकृतिक यौन शोषण के आरोप के संबंध में पति ने अपनी शादी को खत्म करने के लिए कुटुम्ब न्यायालय जबलपुर में तलाक के लिए आवेदन किया था। बता दें इन दोनों की शादी मई 2019 में हुई थी जिसके 1 साल बाद ही पत्नी अपने मायके में रुकी हुई है। वहीं पत्नी ने अपने पति और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना से संबंधित केस भी दर्ज किया था जिसके बाद ही पति ने तलाक के लिए आवेदन किया।
हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई में क्या कहा
जबलपुर हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश में न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया की एकल पीठ में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा गया कि “कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध IPS धारा 377 के तहत कोई अपराध नहीं है, यदि कोई पत्नी विवाह के बाद अपने पति के साथ रह रही है और उसकी आयु 15 वर्ष से कम नहीं है तो यौन संभोग दुष्कर्म नहीं माना जाएगा।
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