केन्द्र सरकार ने 2007 के बाद पहली बार व्यापारियों को गेहूँ खरीदारी पर दी यह सलाह, जाने क्या है पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि केन्द्र सरकार गेहूं के घटते भंडार के चलते भारतीय खाघ निगम के भंडारण को बढ़ाने के लिए किसानों से बड़ी मात्रा में गेहूं खरीद ने की योजना बना रही है इसलिए सरकार ने घरेलू तथा निजी व्यापारियों को उन थोक बाजारों से अप्रैल माह तक गेहूं न खरीद ने की सलाह दी, जहाँ किसान अपनी फसल एफसीआई या इन व्यापारियों को बेंचते है। 2007 के बाद केन्द्र सरकार ने पहली बार यह निर्देश जारी किया है इस आदेश का पालन छोटे व्यापारियों व प्रोसेसर को छोड़कर हर किसी को सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा।
गेहूं खरीद पर व्यापारी न बने बाधा
केंद्र सरकार ने सक्त आदेश देते हुए कहा है कि छोटे तथा घरेलू व्यापारियों को गेहूं थोक विक्रेता से दूर रहने को कहा है इस साल भारतीय खाघ निगम द्वारा लगभग 3 करोड़ टन गेहूँ खरीद ने का अनुमान लगाया जा रहा हैं इसलिए केंद्र सरकार ने गेहूं उत्पादक राज्यों से कहा है कि निजी व्यापारी भारतीय खाद्य निगम की योजना में बाधा न बने। पिछले वर्ष 2023 में सरकार द्वारा गेहूं खरीदारी का लक्ष्य 3.41 करोड़ टन तक निर्धारित किया था। जबकि भारतीय खाद्य निगम द्वारा स्थानीय किसानों से 2.62 करोड़ टन गेहूं की खरीदारी ही हुई थी। इसलिए केन्द्र सरकार ने गेहूं उत्पादन राज्यों से अपने क्षेत्रीय किसानों से निजी व्यापारियों द्वारा गेहूं न खरीदें इस बात को सुनिश्चित करने की आपील की।
भारतीय खाघ निगम द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य
भारतीय खाघ निगम द्वारा इस वर्ष गेहूं की खरीदारी शुरु कर दी गई है जिसके अनुसार गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रु प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है पिछले वर्ष के मुताबिक इस वर्ष गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपये की वृद्धि हुई है जिससे किसानों को अपनी फसल पर उचित लाभ मिलेगा।
अनाज बाजारों में सक्रिय है ये बडे व्यापारी
विश्व भर में अनाज के प्रमुख व्यापारी है जो फसलों का व्यापार बडे़ स्तर पर करते हैं लेकिन इनकी भूमिका खाघ प्रणाली से कम माना गया है देश भर में कई बड़े व्यापारीयो जैसे ओलम, बंज लुई ड्रेफस, ग्लेनकॉर के नाम शामिल हैं। जो गेहूं की बड़ी मात्रा में खरीदारी करते हैं इस वर्ष भी यह लगभग 3.23 करोड़ टन की खरीदारी करने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसलिए यह भारतीय खाघ निगम द्वारा निर्धारित गेहूं खरीदने के लक्ष्य में रुकावट बन सकते हैं क्योंकि पिछले वर्ष 2023 मैं भी सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से कम ही गेहूं की खरीदारी हुई थी।
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सिर्फ इन व्यापारीयो को छुट
सूत्रों के अनुसार सरकार ने छोटे व्यापारीयो को गेहूं खरीद पर छूट प्रदान कि है सरकार ने छोटे व्यापारियों तथा प्रोसेसर को छोड़कर सभी पर यह नियम लागू किया है विगत वर्षों में भारतीय खान निगम द्वारा निर्धारित लक्ष्य से केवल 2.62 करोड़ टन गेहूँ की ही खरीदारी हुई थी। लेकिन अब एफसीआई के पास गेहूं का भंडार घट रहा इसलिए इस वर्ष सरकार द्वारा लगभग 3 करोड़ टन का लक्ष्य रखा गया है जिसे पूरा करने के लिए केंद्र को इस तरह की सलाह देनी पड़ी है
सरकार क्यों लगा रही है गेहूँ खरीद पर रोक
व्यापारियों और सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार ने निजी व्यापारियों को थोक बाजारों से दूर रहने के लिए कहा है, जहां किसान आमतौर पर अपनी फसल FCI या निजी व्यापारियों को बेचते हैं। विगत वर्ष 2023 में, FCI ने किसानों से निर्धारित लक्ष्य से कम लगभग 26.2 मिलियन गेहूँ ही खरीदा था। पिछले वर्ष कम खरीदारी होने के कारण सरकारी गोदामों में गेहूँ का भंडार कम होते जा रहा है जो लगभग गिरकर 9.7 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है। जो 2017 के बाद से सबसे कम है। इसलिए केन्द्र सरकार ने गेहूँ उत्पादन राज्यों में भारतीय खाघ निगम द्वारा किसानों से बड़ी मात्रा में गेहूँ की खरीदारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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