यदि हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो यह मालूम होता है कि भारत का सबसे पुराना राम मंदिर भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या में स्थित है, जिसका नाम ‘राम मंदिर’ अथवा ‘राम जन्मभूमि’ है। अयोध्या में बने इस राम मंदिर को हजारों महापुरुषों की कर्म भूमि के रूप में भी जाना जाता है। यह पवित्र भूमि हिंदू समुदाय के लिए बहुत ही महत्व रखती है।
अयोध्या को भगवान श्री राम के वंशज विवास्वान (सूर्यपुत्र) वेवस्त मनु ने हजारों साल पहले बसाया था। इस अयोध्या नगरी के राजमहल में ही भगवान राम का जन्म हुआ थ। अयोध्या को उजड़ने में मुगल साम्राज्य का बहुत बड़ा योगदान रहा, मुगलों द्वारा राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद का ढांचा खड़ा करा गया और राम मंदिर को तोड़कर उसे बाबरी मस्जिद का रूप देना चाहा, इसके बाद राम भक्तों ने पूरे 500 सालों तक भगवान राम को राम मंदिर के शासन से दूर देखा और सदियों तक इंतजार किया।
भारत का सबसे पुराना राम मंदिर
भारत का सबसे पुराना राम मंदिर अयोध्या में स्थित है जिसका नाम “राम मंदिर” या “राम जन्म भूमि” मंदिर है। उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या जिले में स्थित यह राम मंदिर पौराणिक कथा कहानियों के अनुसार 1528 ईस्वी में बनाया गया था, जो की तब से लेकर साल 2024 तक लगभग 495 वर्ष पुराना मंदिर है। अयोध्या में बने भगवान राम के भव्य मंदिर को लेकर तकरीबन 134 सालों तक कानूनी लड़ाई चली जिसके बाद हिंदू पक्ष को दोबारा मंदिर बनाने के लिए कानूनी स्वीकृति मिल गई।
अयोध्या कितने साल पुराना है
हिंदू पौराणिक इतिहास में भारत की प्राचीन नगरियों में से एक है ‘अयोध्या’। वेदों के अनुसार अयोध्या नगरी को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर घोषित किया गया है, यानी कि जहां पर देवों का वास है, साथ ही इसकी तुलना स्वर्ग के समान भी की गई है। सरयू नदी के तट पर बसी इस अयोध्या नगरी को विवस्वान (सूर्य के पुत्र) वेवस्त मनु महाराज ने बसाया था जिसको लगभग 6673 वर्ष बीत चुके हैं। अयोध्या नगरी भगवान विष्णु के चक्र पर विराजमान है। सरल शब्दों में कहें तो अयोध्या एक देव भूमि है जहां कई देवों और भगवानों ने राज किया है।
राम मंदिर की जगह पहले क्या था
उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में बना यह राम मंदिर सदियों पुराना है, लेकिन इसको तकरीबन 500 वर्ष पहले मुगलिया हुकूमत के बादशाह बाबर ने अपने सिपाहसालार मीर बाकी के माध्यम से तोड़कर उसी स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर दिया था। हालांकि हिंदू पक्ष का शुरू से ही दावा रहा कि इस मस्जिद के लोक स्थान पर ही प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था और बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के ठीक नीचे भगवान राम का गर्भ ग्रह है।
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राम जन्मभूमि के संस्थापक कौन थे
अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के संस्थापक भारत सरकार द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट SRJBT को घोषित किया गया है, इन्हीं को श्री राम मंदिर के संस्थापक के रूप में राम मंदिर की बागडोर सौंपी गई है। बता दें की वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष में राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाए जाने के बाद 5 फरवरी 2020 को लोकसभा में इस राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ जिसमें कुल 15 सदस्य हैं, जिनको भारत सरकार द्वारा कमेटी में शामिल किया गया है –
- एडवोकेट के परासरन
- स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज
- स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज
- युग पुरुष परमानंद गिरि जी महाराज
- स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज
- श्री विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
- श्री अनिल मिश्र
- श्री कामेश्वर चौपाल
- महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज
- श्री चंपत राय
- महंत दिनेंद्र दास जी
- श्री ज्ञानेश्वर कुमार IAS
- श्री अवनीश आर्किटेक्चर IAS
- डीएम अयोध्या
- श्री नृपेंद्र मिश्र IAS
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