मध्यप्रदेश में खुले बोरवेल ने फिर एक बच्चे की जान ले ली जी हाँ मध्यप्रदेश के रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे छह वर्षीय मयंक को 45 घंटे चले लंबे रेस्क्यू आपरेशन के बाद भी नहीं बचाया जा सका। यह बच्चा शुक्रवार दोपहर वह बोरवेल में गिर गया था। 45 घंटे के जद्दोजहद के बाद NDRF की टीम ने मयंक के शव को बाहर निकाल लिया।
ऐसे गिरा बोरवेल में मयंक
गेहूं के खेत अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए गया हुआ था। तभी खेल-खेल में अचानक से वह एक सूखे बोरवेल में जा गिरा। दोस्तों ने घटना के जानकारी मयंक के परिजनों को दी। उन्होंने बोरवेल में झांक कर देखा तो मयंक के रोने के आवाज उन्हें सुनाई दी। उन्होंने खेत के मलिक हीरामनी मिश्रा को बुलाया जिसके बाद हीरामनी मिश्रा ने भी मयंक को रस्सी के सहारे निकालने का प्रयास किया पर वह नहीं निकल सका।
घटना की सूचना पाकर प्रशासनिक अमले के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर डॉक्टरों की टीम के साथ एम्बुलेंस भी तैनात हुई। मौके पर SDERF और बनारस से आई NDRF की टीम सहित आठ जेसीबी मशीनों द्वारा बोरवेल के पास से कुछ ही दूरी पर खुदाई का कार्य शुरू कराया गया था। परन्तु लाख कोशिश के बाद मयंक को नहीं बचाया जा सका
160 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 6 बरस के बालक मयंक को मशक्कत के बाद बालक तक रेस्क्यू टीम पहुंची और उसके शव को बाहर निकाला गया । इस घटना में जवाबदेही तय करते हुए त्योंथर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ को निलंबित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने इसके निर्देश दिए हैं।
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