पुरानी पेंशन योजना: सिर्फ चयनित शिक्षकों को मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ, हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश

देशभर में पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) को लेकर सरकारी कर्मचारी व शिक्षकों की और सरकार के बीच बहस जारी है इसी मामले से संबंधित एक याचिका पर बीते दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ा फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में नई पेंशन योजना के लागू होने की स्थिति के बाद नियुक्ति प्राप्त करने वाले शिक्षकों को प्राणी पेंशन योजना का लाभ उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा। 

बीते दिन इलाहाबाद हाई कोर्ट में सरकारी शिक्षकों की पुरानी पेंशन योजना के लागू करने के विषय में एक विशेष याचिका पर सुनवाई की गई जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि नई पेंशन योजना (NPS) के लागू होने की तिथि के बाद जो भी सहायक शिक्षक नियुक्त हुए हैं वह पुरानी पेंशन योजना के लाभ के दावेदार नहीं है फिर चाहे कितना भी उनका चयन NPS लागू होने के पहले ही क्यों ना हुआ हो। 

हाई कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए दिया निर्णय  

पुरानी पेंशन योजना के लाभ का दावा करने वाले शिक्षक कर्मचारियों के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। दरअसल गाजीपुर की सुषमा यादव द्वारा एक विशेष अपील करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसको न्याय मूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्याय मूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ में खारिज कर दिया गया है।

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याचिकाकर्ता ने किया था OPS के लाभ का दावा  

दरअसल 4 मार्च 2024 को जारी किए गए हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुषमा यादव ने हाई कोर्ट में पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने का दावा किया था उसका कहना था कि उसका चयन अप्रैल 2005 से पहले NPS लागू होने की तिथि से पहले हुआ था इसलिए वह पुरानी पेंशन योजना की हकदार है और उसको OPS का लाभ मिलना चाहिए लेकिन न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता और न्याय मूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने इस याचिका खारिज करते हुए NPS लागू करने का आदेश दिया है। 

हाई कोर्ट की टिप्पणी– ‘सुविधा अनुसार लागू नहीं होता कानून 

इलाहाबाद हाई कोर्ट में सरकारी शिक्षकों के बकाया वेतन के भुगतान को करने और उनकी सैलरी ना मिलने के साथ उनके फंड का भुगतान न करने के संबंध में हवाला देते हुए हाईकोर्ट नाराजगी व्यक्त की एक विशेष टिप्पणी दी और कहा ‘राज्य सरकार की सुविधा के अनुसार कानून अपना काम नहीं करता सरकार की वित्तीय स्थिति चाहे जैसी भी हो लेकिन कर्मचारियों के भुगतान का प्रावधान है उसे पूरा करना चाहिए’।

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