संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर एक लंबे अरसे के बाद अपडेट आया है। और अब संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी राज्यों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करना बहुत जरूरी है। होली के शुभ अवसर पर सभी संविदा कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि उन्हें नियमित किया जाएगा।
संविदा से हटाकर किया जाएगा नियमित
संविदा कर्मियों के नियमितीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि श्रमिकों को अनुबंध श्रम अधिनियम 1970 के तहत उन्हें सिर्फ अस्थाई नौकरी के लाभ से वंचित करने के लिए अनुबंध श्रमिक नहीं माना जा सकता। इंडस्ट्रियल और रेलवे लाइन के किनारे सफाई करने वाले मजदूरों को संविदा से हटाकर स्थाईकर्मी का दर्जा और वेतन भत्ते का लाभ देने का आदेश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को रेखांकित किया और रेलवे लाइन के किनारे काम करने वाले संविदा कर्मियों को स्थाई नौकरी देने को कहा है।
कांट्रैक्ट लेबर एक्ट अधिनियम 1970
सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के हक में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। फैसले के अनुसार, कांट्रैक्ट लेबर एक्ट अधिनियम 1970 के तहत कांट्रैक्ट कर्मचारी नियमित कर्मचारी नहीं माने जाएंगे। यह फैसला नियोजित कर्मचारियों को नियमितीकरण के लाभ से वंचित नहीं रखेगा, जिससे उन्हें सुरक्षा मिलेगी। फैसले के बाद, संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ाकर 40,000 रुपये होगा। इस फैसले से संविदा कर्मचारियों को उनके काम का सम्मान मिलेगा।
संविदा कर्मचारियों के उज्जवल भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब हर राज्य के संविदा कर्मचारियों को नियमित करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट का यह महत्वपूर्ण फैसला संविदा कर्मचारियों के लिए बहुत ही शानदार और सुनहरा अवसर है। संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला होली के शुभ अवसर पर आया है।
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संविदा कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यहां फैसला सुना दिया है। इसके तहत कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा और उन्हें हर महीने नियमित वेतनमान दिया जाएगा। जो की सभी संविदा कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है और उनके वेतनमान में भी वृद्धि की जाएगी।
सभी राज्य के संविदा कर्मचारियों को करना होगा नियमित
सुप्रीम कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को हरी झंडी दिखा दी है। सभी संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने का फैसला सुना दिया गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सभी राज्यों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करना जरूरी है। ताकि उन्हें हर महीने नियमित रूप से वेतनमान दिया जा सके और लंबे समय से इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों को राहत मिल सके। क्योंकि संविदा कर्मचारी ऐसे हैं जो कि वह काफी लंबे समय से संविदा पर नौकरी कर रहे हैं। तो ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके लिए बहुत ही गुड न्यूज़ हो सकती है।
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