MP News: जैसा कि आपको पता है बीते कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड रिजल्ट जारी किए गए थे जिसको लेकर छात्रों से लेकर सभी स्कूलों तक में बहुत उत्सुकता छाई हुई थी की आखिरकार कौन से स्कूल ने बोर्ड परीक्षा में कितने प्रतिशत प्राप्त किए होंगे।
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा जारी किए गए कक्षा दसवीं और बारहवीं के नतीजे कई स्कूलों के लिए अच्छे रहे तो कई स्कूलों की तरफ से काफी खराब प्रदर्शन रहा। वहीं इस बीच मध्य प्रदेश के एक जिले के एक विद्यालय के कक्षा 12वीं के बोर्ड रिजल्ट काफी चौका देने वाले रहे क्योंकि कई स्कूलों में दो चार छात्र फेल होते हैं पर यहां पर तो पूरा का पूरा स्कूल ही फेल हो गया।
मध्य प्रदेश के इस जिले का पूरा स्कूल हुआ फेल
दरअसल मध्य प्रदेश के खेतिया क्षेत्र में महाराष्ट्र मध्य प्रदेश बॉर्डर पर गांव मलफ़ा में एक स्कूल स्थापित है प्रदेश भर में यह ऐसा पहला स्कूल बन गया है जिसके सारे के सारे छात्र फेल हो गए हैं। दरअसल हुआ यह की मध्य प्रदेश के खेतिया क्षेत्र के इस स्कूल में कक्षा 12वीं के 89 छात्रों ने परीक्षा के लिए नामांकन किया था जिसमें से सिर्फ 85 छात्र परीक्षा में बैठे। वहीं 85 छात्रों में से एक भी छात्र कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में पास ना हो सका।
रिजल्ट देखकर अभिभावक हुए क्रोधित
मध्य प्रदेश के खेतिया क्षेत्र के गांव मलफ़ा में स्थित एक स्कूल के 12वीं कक्षा के बोर्ड रिजल्ट काफी निराशाजनक आए जिनको देखकर सभी अभिभावक काफी क्रोधित हुए। 85 छात्रों को फेल होने पर माता-पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल के पास जाकर रोष जताया और उनके बच्चों के ऐसे परिणाम आने पर कई सवाल किया।
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स्कूल प्रिंसिपल ने कॉपी के पुनर्मूल्यांकन की बात कही
बोर्ड परीक्षा में कक्षा 12वीं के परिणाम शून्य आने पर माता-पिता ने स्कूल प्रिंसिपल को सवालों के कटघरे में लिया। वहीं प्रिंसिपल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए अभिभावकों को आश्वासन दिया कि वह कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के लिए मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास आवेदन करेंगे।
ग्रामीणों ने उठाई टीचर्स की जांच की मांग
छात्रों के 12वीं बोर्ड का रिजल्ट इतना खराब आने पर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने स्कूल की व्यवस्था की शिकायत करते हुए सभी टीचर्स की जांच की मांग उठाई है। दरअसल ग्रामीणों का कहना है कि उच्चतर विद्यालय का नया भवन पूरे तरीके से बनकर तैयार हो गया है पर उस विद्यालय में कभी पढ़ाई नहीं होती थी और छात्रों के परिणाम खराब होने के पीछे टीचर्स की लापरवाही है।
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