किसान हो जाएं सावधान समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की आखिरी तारीख नजदीक, समय रहते करा लें यह काम

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए आज बहुत ही काम की खबर इस आर्टिकल के माध्यम से हम उन्हें बताने वाले हैं। दरअसल जैसा कि आपको पता है प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का सिलसिला जारी है। किसान सरकार को बढ़ चढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं को बेच रहे हैं लेकिन इस बीच एक बहुत ही गौर करने वाली बात यह है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन की आखिरी तारीख नजदीक आ गई है।  

मध्य प्रदेश में लगभग पिछले 2 महीने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जा रही है जिस दौरान सरकार किसानों से 2275 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं 125 में प्रति क्विंटल बोनस के साथ खरीद रही है पर अब इस प्रक्रिया के समाप्त होने का समय आ गया है। किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बता दें की सरकार सिर्फ 20 मई 2024 तक की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन करेगी। 

समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन की तारीख नजदीक 

मध्य प्रदेश में लंबे समय से चल रही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की प्रक्रिया के लिए कुछ किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन MSP पर गेहूं के उपार्जन के लिए नहीं करवाया है तो वह तुरंत ही इसको जाकर करवा लें क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की आखिरी तारीख अब नजदीकी है यदि समय रहते काम नहीं करवाया तो किसानों को काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। 

20 मई के बाद नहीं होगी गेहूं की खरीद  

मध्य प्रदेश में मार्च के महीने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन का सिलसिला जारी है पर अब किसानों के सावधान होने की बारी है क्योंकि 20 मई 2024 के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद का कार्य समाप्त हो जाएगा। इसलिए जिस भी किसान ने अभी तक अपना पंजीकरण नहीं करवाया या अपने अनाज को MSL पर सरकार को नहीं बेचा तो समय रहते हैं इसको पूरा करें।

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7 मई थीं गेहूं के उपार्जन की अंतिम तिथि  

प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन की अंतिम तिथि पहले 7 मई निर्धारित की गई थी जिसमें प्रदेश के उज्जैन, भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम संभाग शामिल थे लेकिन बीच में अचानक मौसम की खराबी के कारण अनाज को पक के तैयार होने में समय लगा जिसको देखते हुए सरकार ने उपार्जन की अंतिम तिथि में बदलाव किया। 

सरकार का गेहूं खरीद का लक्ष्य होगा अधूरा ?

मोहन सरकार ने इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए 80 लाख टन गेहूं को खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन अब तक प्रदेश में कुल 41 टन गेहूं का उपार्जन ही हो सका है जो कि लक्ष्य की तुलना में आधा है। वहीं सरकार ने गेहूं की खरीदी को बढ़ाने के लिए किसानों से ₹2275 प्रति क्विंटल गेहूं ₹125 प्रति क्विंटल बोनस के साथ खरीदना शुरू किया लेकिन बावजूद लग रहा है कि सरकार का लक्ष्य इस बार अधूरा ही रहने वाला है।

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