MP News: बोरवेल से लगातार हो रही दुर्घटनाओं को नियंत्रण में करने के लिए मध्य प्रदेश की मोहन सरकार बहुत ही सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हो गई है। दरअसल बोरवेल के कारण बच्चों के गिरने और उनकी मौत होने की खबरें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिनको समय रहते ही रोकना बहुत ही जरूरी है इसलिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग को निर्देश देते हुए आदेश दिए हैं कि प्रदेश में अब बोरवेल के लिस्टिंग कराना अनिवार्य होना चाहिए।
सिर्फ रजिस्टर्ड एजेंसी को ही मिलेगी बोरवेल की अनुमति
मध्य प्रदेश में लगातार बोरवेल के कारण बच्चों और बड़े व्यक्तियों के साथ हो रहे जानलेवा हादसों पर काबू करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। अब बोरवेल का उपयोग केवल रजिस्टर्ड एजेंसी ही कर सकेंगी। बता दें बोरवेल के प्रशिक्षण के लिए एजेंसी या अध्ययन का चयन मोबाइल ऐप के माध्यम से भी बहुत आसानी से किया जा सकेगा। बोरवेल एजेंसी का चयन उद्यमी के रजिस्टर्ड निजी दस्तावेजों के आधार पर किया जाएगा।
CM मोहन यादव ने उठाया सख्त कदम
हाल ही में रीवा की एक 6 साल की छोटी बच्ची की बोरवेल में फंसने से हुई मौत को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक सख्त कदम उठाया है। CM डॉ मोहन यादव द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य के किसी भी गांव, शहर या कस्बे में उधमीयों को जो प्लाट उपलब्ध कराए गए हैं उन उधमीयों को बोरवेल के लिए अपना नामांकन कराना अनिवार्य होगा।
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बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तैयार हुआ एप
प्रदेश में निरंतर बोरवेल से हो रही जानलेवा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम की सहायता से एक मोबाइल एप तैयार किया गया है। बता दें इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा तैयार किए गए इस मोबाइल ऐप के माध्यम से दुर्घटना निषेध की तैयारी और ओपन बोरवेल से होने वाली नौका को समय रहते रोका जा सकेगा।
बोरवेल कंस्ट्रक्टर पर होगी सख्त कार्यवाही
CM मोहन यादव ने बोरवेल से होने वाले हादसों के प्रति सख्त कदम उठाते हुए सभी जिला कलेक्टरों को लापरवाह बोरवेल कंस्ट्रक्टर और बोरवेल कराने वालों पर के लिए निर्देश दिए हैं और अब ऐसा कोई हादसा होता है तो बोरवेल कंस्ट्रक्टर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं जहां बोरवेल का काम हो रहा होगा वहां पर बोरवेल कंस्ट्रक्टर का जीपीएस के साथ फोटो खींचना अनिवार्य होगा।
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