मध्य प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव के बीच 2024-25 के लिए गेहूं की खरीद का लक्ष्य 24 हजार करोड़ रुपए रखा है। अब तक लगभग 21 लाख 66 हजार टन गेहूं खरीदी गई है और इसके लिए लगभग 2 लाख 63 हजार किसानों को 3355 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। यहां तक कि एमएसपी पर गेहूं की खरीद ने उत्पादकों को लगभग 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि का भुगतान करने की उम्मीद जताई जा रही है।
मध्य प्रदेश में वर्ष 2023-24 में लगभग 329 लाख टन से अधिक गेहूं का उत्पादन की आंशिक अनुमान किया गया है। इसमें से 2024-25 विपणन वर्ष में, केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को लगभग 100 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं, देशभर में कुल 320 लाख टन गेहूं की खरीदी एमएसपी पर की जाएगी। मध्य प्रदेश में 15 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं विक्रय के लिए पंजीकरण किया है।
एमएसपी पर मिलेगा बोनस
सरकार द्वारा किसानों को गेहूं की खरीद पर बोनस देने के लिए, प्रदेश सरकार को 3850 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आने वाला है। विपणन सीजन 2023-24 में, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था, जिसे केंद्र सरकार ने इस रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए 2275 रुपए किया है। इसके अर्थ है कि किसानों को पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं बेचने से 150 रुपए अधिक मिलेंगे। उसके साथ ही, राज्य सरकार द्वारा 125 रुपए का बोनस भी प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार, मध्यप्रदेश के किसानों को इस बार प्रति क्विंटल 275 रुपए पिछले साल की तुलना में अधिक मिलेगा।
किसानों को मिली बड़ी राहत
किसानों को राहत पहुंचाने के लिए, गेहूं की खरीद के लिए नोडल विभाग खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग है, जिसने प्रदेश में लगभग 3642 खरीदी केन्द्र स्थापित किए हैं। बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण कुछ क्षेत्रों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है, और दाना भी चमक विहीन हो गया है। केन्द्र और राज्य सरकार ने सल्फर लैस दाने की भी खरीद के निर्देश जारी किए हैं।
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बुरहानपुर में चमकहीन गेहूं का उपार्जन करने की अनुमति जारी
जारी अनुमति के अनुसार, उपार्जित गेहूं में लस्टर लॉस का पूर्ण समर्थन मूल्य किसानों को दिया जाएगा, जिसमें 2275 रुपये प्रति क्विंटल के राज्य बोनस का भुगतान 2400 रुपये प्रति क्विंटल के किसानों को किया जाएगा। लस्टर लॉस गेहूं के बोरों पर प्रत्येक बोर को पृथक-पृथक मार्किंग करके स्टेकिंग किया जाएगा। उपार्जन केन्द्रों में लस्टर लॉस गेहूं की मात्रा और प्रतिशत की जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए, जो किसानों के लाभ के लिए पोर्टल पर प्रविष्ट की जाएगी।
चमकहीन गेहूं के बोरों पर स्याही या लाल कलर से मार्किंग करके उन्हें अलग-अलग थप्पी लगाई जाएगी, ताकि निशान स्पष्ट रूप से दिखे। उपार्जन केन्द्रों में चमकहीन गेहूं प्राप्त होने पर, चमकहीन गेहूं की अलग-अलग थप्पियाँ लगाकर संग्रहण किया जाएगा, और उनका प्रतिशत रिकार्ड भी रखा जाएगा। एफएक्यू और चमकहीन गेहूं को पृथक-पृथक ट्रकों में परिवहन किया जाएगा, और प्रत्येक ट्रक के चालान पर चमकहीन गेहूं का प्रतिशत अंकित किया जाएगा। एक ट्रक में दोनों प्रकार के गेहूं का परिवहन नहीं किया जाएगा।
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