MP News: मोहन यादव ने सिंचाई परियोजनाओं का किया शुभारंभ, 365 दिन हर खेत में होगा पानी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने खरगोन दौरा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने खरगोन में 557 करोड़ रुपये की सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही टंट्या भील विश्वविद्यालय के कैंपस का डिजिटल शुभारंभ भी किया गया। मुख्यमंत्री ने रोड शो भी किया और जनता को बड़ी सौगातें दीं।

विकास कार्यों की सौगात

मध्य प्रदेश में रेवा नर्मदा के के किनारे का क्षेत्र इस पर मुख्यमंत्री जी ने बताया कि यह धरती वीर पुरुषों की धरती है। बाजीराव पेशवा की भूमि है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह क्षेत्र पुराने जमाने में विक्रम विश्वविद्यालयका क्षेत्र है। और इस विश्वविद्यालय में बहुत सारी गरीब विद्यार्थी भी पढ़ने आते हैं। मैं गरीब परिवार के विद्यार्थियों की हालात जानता हूं। या उनका दर्द समझता हूं। मैं समझता हूं कि विद्यार्थियों को क्या तकलीफ होती है। तो इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी मोहन यादव जी ने कहा कि मैं इसके लिए सौगात दे रहा हूं।

सरकारी शिक्षा के महत्व

मुख्यमंत्री जी ने बताया कि 1857 की क्रांतिवीर टंट्या मामा ने अपने बलबूते पर कांग्रेस से लड़ाई शुरू कर दी और दुनिया पर अपना राज किया। दुश्मनों को धूल चढ़ाने का काम किया। हमें उन पर गर्व है। मध्य प्रदेश सरकार ने उनकी वीरता को को महत्व दिया है। मध्य प्रदेश सरकार में आदरणीय टंट्या मामा के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम रखा है। ऐसे वीर पुरुषों का आजीवन नाम याद रखने के लिए उनकी याद में विश्वविद्यालय बनाया है।

खरगोन विश्वविद्यालय

खरगोन विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। इस विश्वविद्यालय में पायलट ट्रेंनिंग कोर्स भी कराए जाएंगे। जो विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से पायलट कोर्स करेंगे। उन विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे। इसके अलावा इस विश्वविद्यालय में कृषि से संबंधित कई कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। इस महाविद्यालय में विद्यार्थियों को कई प्रकार की सुविधा दी जाएगी। खरगोन विश्वविद्यालय पूरी तरह डिजिटल होगा।

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टंट्या मामा के नाम से विश्वविद्यालय का नाम

टंट्या मामा का नाम बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को अपनी वीरता से अंग्रेजों से लड़ने की कोशिश की थी। आपको जानकारी के लिए हम बता रहे हैं कि यह समय ऐसा था कि जब टंट्या मामा ने अंग्रेजों से युद्ध करना प्रारंभ कर दिया था। यह युद्ध स्वतंत्रता के लिए शुरू किया गया था और इस समय देश को स्वतंत्र करने की लड़ाई शुरू कर दी गई थी। टंट्या मामा साहसी और वीर योद्धा थे। इन्हें की याद में और इन्हीं के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम भविष्य में प्रसिद्ध होगा।

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