MP News: मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार बनने के बाद से ही लगातार एक के बाद एक बड़े बदलाव किए जा रहे हैं जो कि प्रदेश के लिए काफी लाभकारी साबित हो रहे हैं। बीते कुछ दिनों पहले मोहन यादव के आदेश अनुसार राजधानी भोपाल के सभी जगह से BRTS हटाने का कार्य किया गया था। वहीं अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक और मुख्य फैसले में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पूर्व शिवराज सरकार के एक कानून में बड़ा बदलाव करने की परियोजना तैयार कर चुके हैं। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में एक अहम फैसला लिया था जिसमें प्रदेश की अवैध कालोनी को वैध करने की बात कही गई थी हालांकि इस यह कानून लागू नहीं हो सका था। शिवराज सिंह चौहान के इस बड़े फैसले में बदलाव करते हुए वर्तमान सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अवैध कालोनी को वैध नहीं किया जाएगा।
मोहन यादव ने किया शिवराज के फैसले में बड़ा बदलाव
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में यह फैसला लिया था कि प्रदेश की अवैध कालोनी को वैध किया जाएगा जिसमें वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बदलाव करते हुए नए कानून का मसौदा तैयार किया है जिसके मुताबिक अवैध कॉलोनीयों को वैध नहीं किया जाएगा और अवैध कालोनी को काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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अवैध कॉलोनी नहीं होगी वेध
पूर्व शिवराज सरकार ने प्रदेशवासियों से यह वादा किया था कि एमपी की सभी अवैध कालोनी को वैध किया जाएगा जिसपर मोहन यादव ने मसौदा तैयार कर लिया है जिसके मुताबिक कॉलोनाइजर पर रासुका (NSA) लागू किया जाएगा। मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश की अवैध पड़ी कॉलोनीयों को वैधता नहीं दी जाएग, साथ ही यदि किसी तहसील में अवैध कॉलोनी काटी गई तो उस तहसील के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
अवैध कालोनी काटने पर होगी सख्त कार्यवाही
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पूर्व शिवराज सरकार के फैसले को पलटते हुए नया आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक प्रदेश की अवैध कॉलोनीयों को वैध नहीं किया जाएगा जिसकी जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने देते हुए बताया कि यदि किसी तहसील में कोई कॉलोनाइजर अवैध कॉलोनी काटता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी उन्होंने बताया कि अवैध कॉलोनी के निर्माण में अक्सर निचले स्तर के सरकारी कर्मचारी व अधिकारी शामिल होते हैं इसलिए कॉलोनाइजर के साथ-साथ स्थानीय कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
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