NREGA Contract Workers Permanent: सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले दिया तोहफा, ये संविदा कर्मचारी हुए नियमित

NREGA Contract Workers Permanent: मध्य प्रदेश सरकार की तरह राजस्थान की भाजपा सरकार ने NREGA के अंतर्गत संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को स्थायी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अंतर्गत, उन संविदा कर्मियों को स्थायी कर दिया जाएगा जिन्होंने 9 वर्ष या उससे अधिक समय तक सेवा पूरी की है। यह निर्णय Rajasthan Contractual Hiring to Civil Posts Rules, 2022 के अनुसार किया गया है।

नियुक्ति प्राप्त संविदा कर्मिकों की पात्रता का मूल्यांकन

महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कार्यरत अवधि के आधार पर ही किया जाएगा। उनके दस्तावेजों का सत्यापन राज्य स्तर पर संलग्न चैकलिस्ट के अनुसार होगा, जिसमें उनकी पात्रता संबंधी प्रमाण पत्र, सूची, और चैकलिस्ट का प्रारूप शामिल होगा।

4,966 नियमित पदों की प्रशासनिक स्वीकृति

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है कि 11 जनवरी 2022 को जारी Rajasthan Contractual to Civil Posts Rules 2022 के अंतर्गत, ग्रामीण विकास विभाग ने प्रशासनिक नियंत्रण में 4,966 नियमित पदों की प्रशासनिक स्वीकृति दी है।

इन आदेशों के तहत, NREGA में संविदा कार्मिक जो नौ साल या उससे अधिक की सेवा की है, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। पहले, जिला स्तरीय कमेटी उनकी पात्रता की जांच और दस्तावेज सत्यापन का काम करेगी। कार्मिकों की सेवा की अवधि को एक अप्रैल 2024 को आधार माना जाएगा।

नरेगा में संविदा पर लगे 1500 कार्मिक होंगे स्थाई

सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत संविदा कर्मिकों को स्थायी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। नियमों के अनुसार, उन संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाएगा जिन्होंने 9 वर्ष या उससे अधिक समय तक सेवा पूरी की है। प्रक्रिया में, राज्य स्तर पर उनके दस्तावेजों की सत्यापन किया जाएगा। सेवा की अवधि को 01.04.2024 को आधार मानकर गणना की जाएगी, जिसमें केवल नरेगा योजना के अंतर्गत कार्यरत अवधि को ही सम्मिलित किया जाएगा।

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अन्य विभागों/योजनाओं की सेवा की अवधि को नहीं गणा जाएगा। इस प्रक्रिया से, संविदा पर लगे लगभग 1500 कर्मिकों को स्थायीता का लाभ मिलेगा और उनका सम्मान बढ़ेगा, जो उनकी सेवा और योगदान को मान्यता प्रदान करता है। संविदा सेवा की अवधि का मूल्यांकन केवल नरेगा योजना के कार्यरत अवधि के आधार पर ही किया जाएगा।

इसमें किसी अन्य विभाग या योजना की सेवा की अवधि शामिल नहीं की जाएगी। यह सुनिश्चित करें कि केवल नरेगा संबंधित कार्यरत समय को ही सम्मिलित किया जाए, जो कि नियमों के अनुसार होगा। इससे समय की गणना में स्पष्टता बनी रहेगी और संविदा सेवा की पात्रता के निर्धारण में सहायक होगा।

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