सरकार ने की बड़ी घोषणा: श्रमिकों- कर्मचारियों को मिलेगा लिविंग वेज सिस्टम का फायदा, बढ़कर मिलेगा वेतन

देश में तकरीबन 50 करोड़ से अधिक मजदूर व छोटे कर्मचारी हैं जो मजदूरी करके यह छोटी-मोटी नौकरी करके अपना गुजारा कर रहे हैं। इन श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार ने मिनिमम वेज कानून को देश में लागू किया था जिससे श्रमिकों और छोटे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली थी।

श्रमिकों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा लाये गए मिनिमम वेज कानून से बचने के लिए कई बड़ी कंपनियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने अलग-अलग उपाय निकाल लिए जिससे कई कर्मचारी व श्रमिक इस कानून के लाभ से दूर रहे, इसलिए सरकार ने इस मिनिमम वेज कानून को अधिक बेहतर बनाने के लिए इसमें संशोधन करने की तैयारी की है। कर्मचारियों- श्रमिकों को अधिक और स्पष्ट लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने लिविंग वेज सिस्टम को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। 

जल्द ही लिविंग वेज सिस्टम को लागू करने की तैयारी 

दरअसल भारत को प्राप्त हुई स्वतंत्रता के बाद से ही देश भर में मिनिमम वेज सिस्टम लागू था पर इस कानून के तहत प्रत्येक मजदूर तक इसका लाभ स्पष्ट रूप से नहीं पहुंच पा रहा है इसलिए इस कानून को बदलकर सरकार जल्द ही लिविंग वेज सिस्टम को लागू करने वाली है। बता दे बीते दिनों पहले इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO)  ने लिविंग वेज सिस्टम की वकालत की थी। इसके साथ ही ILO ने लिविंग वेज सिस्टम के संबंध में अहम कदम उठाने और इस देश में लागू करने के निर्देश दिए हैं। 

जानें क्या है लिविंग वेज सिस्टम

देश में वर्तमान में मिनिमम वेज सिस्टम लागू है जिसके तहत श्रमिकों- कर्मचारियों को प्रति घंटे मजदूरी अथवा वेतन की गणना उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान के आधार पर की जाती है पर सरकार ने इस कानून में कुछ बदलाव की आवश्यकता महसूस की है।

यह भी पढ़ें – इस होली महिलाओं को मिला फ्री गैस सिलेंडर, अगर आपको भी चाहिए यह तोहफा तो जल्दी करें ये काम

इसलिए सरकार वर्ष 2025 तक न्यूनतम वेज सिस्टम के स्थान पर लिविंग वेज सिस्टम को लागू करने वाली है। लिविंग वेज सिस्टम को सरल शब्दों में समझा जाए तो श्रमिकों की न्यूनतम जरूरतों रोटी, कपड़ा और मकान से बढ़कर सोचा जाएगा और मजदूरों सहित उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। 

व्यवस्था लागू होने से श्रमिकोंकर्मचारियों को क्या लाभ होगा

यदि देश में लिविंग वेज सिस्टम की व्यवस्था लागू होती है तो उसमें मजदूरी करने वाले व्यक्ति के मेहनताने का आधार घर, भोजन, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा और कपड़े को बनाया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में मजदूरी करने वाले मजदूरों को वहां आने वाले खर्च की गणना से ही उन्हें मेहनताना मिलेग। वहीं वर्तमान में देश में 176 रुपए प्रति घंटा मजदूरी है जिसको विभिन्न राज्यों के हिसाब से अलग-अलग निर्धारित किया जाता है।

यह भी पढ़ें – MGNREGA Wage Rates 2024: केंद्र सरकार ने बढ़ाया मजदूरी दर, 14 करोड़ से अधिक मजदूरों को हुआ फायदा

Author

Leave a Comment

Your Website