हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवासी मजदूरों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित राज्यों को सख्त रवैया अपनाते हुए बड़ा आदेश जारी किया गया है। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक याचिका की सुनवाई के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों को यह आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीनों के अंदर राशन कार्ड उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
दरअसल बीते कुछ दिन पहले अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोक्कर द्वारा प्रवासी मजदूरों के राशन कार्ड से संबंधित विषय में एक याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई करते हुए न्याय मूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की युगल पीठ में प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया गया। निर्देश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैये में यह भी चेतावनी दी है कि राशन कार्ड जारी करने के दौरान केवाईसी को रोड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए।
राज्य सरकारों पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
हाल ही में प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड न उपलब्ध कराने के विषय में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई की और इस सुनवाई के दौरान कई राज्य सरकारों पर कोर्ट भड़का और यह आदेश जारी किया कि आने वाले दो महीनों के अंदर देश के 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वह राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकें।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पहले सुनवाई के दौरान कहा था कि प्रवासी श्रमिक देश के निर्माण में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए उनको उनके सारे अधिकार मिलने चाहिए।
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तीन कार्यकर्ताओं ने दायर की याचिका
दरअसल शीर्ष अदालत में तीन कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोक्कर द्वारा याचिका दायर की गई जिसमें राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाने वाले सूखे राशन के कोटे की चिंता किए बिना प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने की मांग की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित राज्यों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया है।
8 करोड़ मजदूरों को मिलेंगे राशन कार्ड
सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकारों और केंद्र शासित राज्यों को सख़्ती से यह आदेश दिए हैं कि अगले दो महीनों के अंदर ही 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य सरकार केवाईसी को बीच में रोड़ा ना बनाएं और प्रवासी मजदूरों को समय रहते राशन कार्ड उपलब्ध कराएं।
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