Old Pension Scheme: लोकसभा चुनाव के दौरान कर्मचारी संगठन ‘पुरानी पेंशन बहाली’ को लेकर एक बार फिर से एक्टिव मोड में आ गए हैं। केंद्रीय कर्मचारी संगठनों का कहना है कि देश के 85 लाख केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के कर्मियों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू नहीं कर देती।
सरकारी कर्मचारी सक्रिय रूप से करेंगें आंदोलन
कर्मचारी संगठन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु का कहना है कि, सरकार को कर्मियों की बात मानते हुए एनपीएस को खत्म करना ही होगा। कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में ‘पुरानी पेंशन बहाली’ के मुद्दे को शामिल करने के लिए कहा गया था। पार्टी ने एनएमओपीएस को आश्वासन दिया था कि ओपीएस को घोषणा पत्र में जगह मिलेगी। लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया, अब इस आंदोलन को और ज्यादा तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल जो कि लंबे समय से गारंटीकृत पेंशन सिस्टम के लिए आंदोलन कर रहे, उन्होंने कहा कि, पेंशन का नाम कुछ भी रखो, कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम ही चाहिए। एनपीएस को ओपीएस में फिर से बदला जा सकता है। केंद्र सरकार, एनपीएस को स्क्रैप करें तो ठीक, नहीं तो पुरानी पेंशन स्कीम में बदल दे।
दिसम्बर 2003 में बंद किया गया था ओल्ड पेंशन स्कीम
ओल्ड पेंशन स्कीम को दिवंगत अटल बिहारी बाजपेयी सरकार द्वारा दिसम्बर 2003 को खत्म कर दिया गया था इस पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अपनी सैलरी का 50% मिलता था लेकिन अब पुरानी पेंशन योजना को बंद कर 1 अप्रैल 2004 से राष्ट्रीय पेंशन योजना में बदल दिया गया है।न्यू पेंशन स्कीम 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आने वाले केंद्रीय एवं स्वायत्त निकायों के सभी नए कर्मचारियों पर लागू है।
‘OPS’ को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्यों को किया आगाह
पुरानी पेंशन योजना को लेकर आरबीआई ने राज्यों को आगाह करते हुए कहा कि अगर सरकार इसे लागू करती है तो राज्य सरकार को इसका बड़ा नुकसान उठाना होगा। अगर सभी राज्यों द्वारा इसे अपनाया गया तो संचित राजकीय वित्तीय कोष में 4.5 गुना बोझ बढ़ जाएगा ऐसा करने से राज्यों के वित्तीय कोष में काफी दबाव पड़ेगा जिससे विकास से जुड़े खर्चे सीमित हो जाएगें। इसके अतिरिक्त 2060 तक वित्तीय कोष में बोझ सालाना सकल घरेलू उत्पाद में 0.9 % तक पहुँच जाएगा। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना हितकारी नहीं होगा।
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देखें पुरानी पेंशन बहाली कब तक होगी
देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं, पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद वेतन का 50% दिया जाता था वेतन में कोई भी कटौती नहीं होती थी पुरानी स्कीम में जीपीएफ भी दिया जाता था इस स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन दी जाती थी, जबकि नई पेंशन योजना में वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती की जाती है। इसमें 14 प्रतिशत सरकार द्वारा मिलाया जाता है। इसमें जीपीएफ की सुविधा भी नहीं है।
नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है, कर्मचारी संगठन का कहना है कि एनपीएस एक डस्टबिन है जिसमें सरकार तथा कर्मचारियों का पैसा कचरे में जा रहा है कर्मचारियों ने कहा कि चुनाव के बाद केंद्र में जिस भी दल की सरकार बने, ओपीएस मांग के लिए आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि, खबरों के मुताबिक कुछ राज्यों ने ओपीएस फिर से लागू करने की अधिसूचना जारी किया है।
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