मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती विवाद, हाई कोर्ट ने सरकार को दिया 3 दिन का समय, Bed-DElEd को मिलेगी क्लीन चिट

मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती विवाद: मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित हाई कोर्ट में प्राथमिक शिक्षक के पद पर Bed डिग्री धारक उम्मीदवारों की नियुक्ति के मामले में विवाद उत्पन्न हुआ था। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई, जिसका नतीजा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला सुरक्षित कर लिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट को मांगी गई जानकारी प्रस्तुत नहीं की, जिसके लिए हाई कोर्ट ने सरकार को 3 दिन का समय दिया है। 

 शिक्षक भर्ती विवादित नियुक्तियों की संख्या 

11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्री वालों को प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए अयोग्य ठहराया। मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह स्पष्ट करने के लिए एक याचिका दाखिल की कि 21962 नियुक्तियों में से 11583 बीएड अभ्यर्थियों को पद दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 8 नवंबर 2023 को 284 अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया। इसके अनुसार, कुल 11867 उम्मीदवारों को नियुक्ति मिली है। 

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिनांक 8.4.24 को पुनर्विचार कर क्लारीफ़िकेशन करके कहा है कि :-  

सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को अपने फैसले में कहा कि दिनांक 08-11-2023 के बाद प्राथमिक शिक्षकों के रूप में हुए बीएड डिग्री वाले उम्मीदवारों की नियुक्तियों पूर्णतः संवैधानिक है।  

वे कहते हैं कि जो नियुक्तियों राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय दिनांक 25 नवंबर 2021 और सुप्रीम कोर्ट के फैसला दिनांक 8 नवंबर 2023 के बीच हुई है वह संबंधित हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के रूप में प्रभावी हैं, वे राज्य के हाईकोर्ट द्वारा ही निर्धारित होंगे। 

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 24 अप्रैल 2024 को विवादित भर्ती के संबंध में हुई कार्यवाही  

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में, 24 अप्रैल 2024 को, जस्टिस श्री शील नागू और जस्टिस श्री अमरनाथ केशवानी की खंडपीठ द्वारा याचिकाओं की सुनवाई की गई। इस दौरान कोर्ट ने राज्य शासन को आदेश दिया कि बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों के लिए तारीखवार कंपरेटिव चार्ट प्रस्तुत करें, लेकिन शासन ने यह नहीं किया।

इसे भी पढ़ें –  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: योग्यता के आधार पर होगा पंचायत कर्मियों की भर्ती, पंचायत में मिलेगी सरकारी नौकरी

महाधिवक्ता ने चार्ट दाखिल करने के लिए एक माह का समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि अगर शासन कोर्ट की सहायता नहीं करना चाहता है तो कोई बात नहीं, और इसके बजाय कोर्ट शेष पक्षकारों को सुनेगा और फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट के पारित फैसले के अनुसार अपना निर्णय पारित करेगा। 

न्यायालय ने पूर्व निर्धारित समय के अनुसार 2:15 बजे से लेकर 4:30 बजे तक फाइनल सुनवाई की और समस्त प्रकरणों को निर्णय हेतु सुरक्षित किया गया। राज्य शासन को तीन दिन की मोहलत भी दी गई है ताकि वह चार्ट दाखिल कर सके। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को सूचित किया कि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका के अनुसार अभी तक कुल 21962 पदों में से 11583 बीएड डिग्री वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति मिली है।

इस विवादित मामले से जुड़ी समध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती विवादमस्त नियुक्तियाँ माननीय हाईकोर्ट द्वारा याचिका क्रमांक 13768/2022 में पारित अन्तरिम आदेश के अनुसार दिनांक 07/7/2022 के बाद की गई है।

इसे भी पढ़ें –  कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी का इजाफा, आचार संहिता के चलते मई की बजाय जून में मिलेगा इसका लाभ 

Author

Leave a Comment

Your Website