मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशी की बात यह है कि अब सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को आचार संहिता से पहले महंगाई भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा। जैसा कि सभी कर्मचारियों को पता है कि उनकी मांग है कि उनका महंगाई भत्ता बढ़ाई जाए। तो इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी में कैबिनेट की बैठक की है। इस बैठक के बाद बताया गया है कि सभी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दी जाएगी।
जुलाई 2023 के अनुसार महंगाई भत्ता
जुलाई 2023 के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़कर दिया गया और 1 जनवरी 2024 से फिर से 4% और बढ़ा दिया गया। इस प्रकार केंद्रीय कर्मचारियों को वर्तमान में 50% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 42% मिल रहा है। और पेंशनरों को भी यह महंगाई भत्ता 42% ही दिया जा रहा है। इस प्रकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों में 8% महंगाई भत्ते का अंतर देखने को मिल रहा है।
महंगाई भत्ते में बदलाव की मांग
मध्य प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ की मोहन यादव ने आचार संहिता से पहले महंगाई भत्ते में 8% की बढ़ोतरी की मांग की है। मध्य प्रदेश के कर्मचारी संघ का कहना है कि उनका महंगाई भत्ता जल्द से जल्द बढ़ाना होगा और इसके साथ कर्मचारी संघ का कहना है कि महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर होना चाहिए।
2023 के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों से 8 फ़ीसदी महंगाई भत्ता अधिक मिल रहा है। इसीलिए राज्य सरकार के कर्मचारी चाहते हैं कि उनके महंगाई भत्ते में भी 8% का इजाफा किया जाए। इसीलिए राज्य सरकार के कर्मचारी महंगाई भत्ते में बदलाव करना चाहते हैं। और सेवानिवृत कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी मिले इसके लिए उनकी भी प्रदेश सरकार से मांग है।
केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के लिए समानता की मांग
कर्मचारी संघ ने महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी को विवादित मानते हुए, केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के लिए समान महंगाई भत्ता की मांग की है। मध्य प्रदेश में कर्मचारी संघ का कहना है कि उनके महंगाई भत्ते को केंद्र के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के बराबर करना होगा। क्योंकि वर्तमान में देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 8% महंगाई भत्ता अधिक दिया जा रहा है।
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जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है। तो इसी वजह से राज्य सरकार के कर्मचारियों की मांग है कि उनका महंगाई भत्ता भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर ही होना बहुत जरूरी है। इसी बात को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी प्रदेश सरकार से अपनी मांग कर रहे हैं कि उनके महंगाई भत्ते में जल्द से जल्द बढ़ोतरी की जाए।
मोहन कैबिनेट की अहम बैठक आज संपन्न हुई जिसमें यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के आधार पर पेंशन राशि देने का निर्णय भी लिया गया है। हलाकि सरकारी कर्मचारियों को थोड़ा और समय इंतज़ार करना होगा क्योंकि DA से सम्बंधित किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है। मोहन कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए भी कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिसके बारे में आप हमारे आर्टिकल में विस्तार से जान सकते हैं।
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