न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की प्रक्रिया पूरे देश भर में जारी है पर किसानों की रुचि सरकार के क्रय केंद्रों में जाकर गेहूं की बिक्री की तरफ कम होकर खुले बाजार में जाकर बेचने में ज्यादा बढ़ रही है। दरअसल किसानों को खुले बाजार और निजी एजेंसीयों द्वारा गेहूं की बिक्री पर सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिल रहे हैं।
बाहरी व्यापारी और निजी एजेंसी किसानों के खेत खलियानों तक जाकर स्वयं ही अनाज की खरीदी बेहतर मूल्य पर कर रही है। बता दें बाहरी एजेंसियां और व्यापारी किसानों से गेहूं की खरीदी ₹2300 से ₹2400 प्रति क्विंटल के हिसाब से कर रही है जबकि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी सरकारी क्रय केंद्रों पर ₹2275 पर प्रति क्विंटल के हिसाब से की जा रही है।
सरकार से कम कीमत मिलने पर किसान बढ़ रहे बाजार की ओर
देशभर में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदारी जारी है, इस दौरान सरकार द्वारा किसानों से 2275 रुपए प्रति क्विंटल के अनुसार गेहूं की खरीदी की जा रही है पर यह कीमतें किसानों के मुताबिक कम है क्योंकि बाजार में इससे अधिक कीमतों पर गेहूं को खरीदा जा रहा है। किसानों को सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीदी पर कम कीमतें मिलने पर उनका रुझान बाजार की तरफ बढ़ रहा है।
सरकार का 5 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य
राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए 5 लाख टन गेहूं को खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है लेकिन 15 मार्च से लेकर अब तक प्रदेश भर में केवल 700 टन गेहूं की खरीदी ही पूरी हुई है। अब सरकार के पास किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं को खरीदने का और 5 लाख टन की गेहूं की खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए केवल 15 जून तक का समय ही बचा है।
इसे भी पढ़ें – इस दिन जारी होगी लाड़ली बहना योजना की अगली किस्त, 1250 से बढ़कर मिलेगा 1500 रुपये
सरकार ने दिए गेहूं की खरीद में तेजी लाने के निर्देश
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी में दिन प्रतिदिन गिरावट पाई जा रही है जिसका कारण किसानों का खुले बाज़ार में जाकर अधिक मूल्य पर गेहूं को बेचना है जिसको देखते हुए खाद एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी ने समर्थन मूल्य पर गेहूं के खरीद में तेजी लाने के निर्देश सभी जिले के अधिकारियों को दिए हैं।
किसान कर रहे MSP पर बोनस की मांग
जहां एक तरफ सरकार को किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के दौरान इतनी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने भी सरकार की तकलीफें और बढ़ाने की ठान ली है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के दौरान किसान सरकार से बोनस की मांग कर रहे हैं। हालांकि MSP पर बोनस कई राज्य सरकारों ने लागू भी कर दिया है।
इसे भी पढ़ें – हाईकोर्ट का आया बड़ा फैसला: 26,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई रद्द, शिक्षकों को लौटाना होगा अपना पूरा वेतन