आजीविका मिशन और स्व-सहायता समूहों से जुड़कर महिलाओं ने रचा इतिहास, हर महीने हो रही है लाखों की कमाई

रामपुर की मेहनाज बी एक उत्तर प्रदेश राज्य शहरी आजीविका मिशन से जुड़ी महिला हैं जिन्होंने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से विभिन्न प्रकार के रोजगार में अपनी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त की है। उन्होंने जर-जरदोंजी, वर्क से तैयार गरारे, हेंड पर्स, पेचवर्क, और अन्य छोटे उद्योगों में काम किया है, जिससे वे अपनी आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में सफल रही हैं। उनकी कहानी और प्रेरणा दूसरी महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो स्वतंत्रता और सामाजिक स्वायत्तता की दिशा में आगे बढ़ना चाहती हैं।

मुख्यमंत्री कर चुके है सम्मानित

मेहनाज बताती हैं कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने जिले में हस्तशिल्प पेचवर्क और जरी वर्क से सफल रोजगार प्राप्त किया है। उन्होंने हथकरघा उत्पादों में हाथ पर्स, गरारे, लहंगे, झंडे, और अन्य डिजाइन के वस्त्र बनाने का काम किया है। उन्होंने इस कार्य से जुड़कर अपने जिले में लाखों महिलाओं को जोड़ा और उन्हें सशक्त बनाया है, जो पहले कभी घर से बाहर नहीं निकलती थीं।

मेहनाज ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की और इस समूह से जुड़ी महिलाओं की भी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। अब उन्हें महीने का एक से डेढ़ लाख रुपये की कमाई हो रही है, और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

2013 में हुई शहरी आजीविका मिशन की शुरुआत

भारत सरकार ने आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय (एमओएचयूपीए) के अधिवेशन में 2013 में मौजूदा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) को पुनर्संरचित किया और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) की शुरुआत की है।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का उद्देश्य, शहरों में स्वरोजगार और कौशल आधारित रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और कठिनाईयों को कम करना। इससे शहरी गरीब परिवारों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी।

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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा, गरीब ग्रामीण समुदायों को सतत आजीविका संवर्धन और बेहतर वित्तीय सेवाएं प्रदान करने का उद्देश्य रखता है।

  1. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के संघटक के तहत शहरी बेघरों के लिए शेल्टर प्रदान करने का उद्देश्य है, जो स्थायी आश्रय प्रदान करता है जिसमें आधारभूत संरचना, जलापूर्ति, सफाई, सुरक्षा, और संरक्षा होती है।
  2. इस मिशन के अंतर्गत, ध्यान दिया जाता है कि सबसे कमजोर लोगों को सुविधाएँ दी जाए, जैसे कि दूसरों पर आश्रित बच्चे, बुजुर्ग, अपंग, मानसिक रूप से कमजोर और गंभीर रूप से बीमार लोग।
  3. इस मिशन के अंतर्गत लोगों को विभिन्न सुविधाएं जैसे कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पीडीएस, आइसीडीएस, पहचान, वित्तीय समावेशन, शिक्षा, और यातायात की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
  4. राज्य और सिविल समाज संगठनों के साथ साझेदारी करके, इसका संरचना और प्रबंधन सुनिश्चित किया जाता है ताकि बेघर लोगों को सेवाएं और सहायता प्राप्त करने में सहायता मिले।

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