मध्य प्रदेश के हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर लगातार शिक्षकों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है। बता दें प्रदेश की अतिथि शिक्षक जो की वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनके द्वारा अपनी सेवाओं को नियमित करवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
बता दें मध्य प्रदेश के सभी अतिथि शिक्षक B.Ed डिग्री धारक हैं साथ ही वह शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास करे हुए हैं। वहीं इन अतिथि शिक्षकों की तरफ से नियमितीकरण के लिए अलग-अलग याचिकाएं मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई थी जिसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट की तरफ से यह मामला लोक शिक्षण संचालनालय के पास भेजा गया जिस पर आदेश जारी करते हुए विभाग ने कहा कि अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं।
अतिथि शिक्षकों ने दायर की याचिका
मध्य प्रदेश के हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों की तरफ से नियमितीकरण के लिए मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई है। दरअसल प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के पास 3 वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक का शिक्षक अनुभव है वहीं ये अतिथि शिक्षक D.Ed B.Ed डिग्री धारक भी है और इसके अलावा वह शिक्षक पात्रता परीक्षा को भी पास किए हुए हैं लेकिन बावजूद इसके उनको नियमितीकरण का लाभ उपलब्ध नहीं कराया जा रहा।
लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किया बड़ा आदेश
दरअसल प्रदेश के 3 से 15 वर्ष से अधिक का शिक्षक अनुभव प्राप्त किए हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों ने जबलपुर हाईकोर्ट में अन्य राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि भारत के आने कई राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर दिया गया है इसलिए उनका कहना है कि उनकी सेवाओं को भी नियमित किया जाना चाहिए। वहीं यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट की तरफ से अक्टूबर 2023 में स्कूल शिक्षा विभाग के पास भेजा गया जिसके पास 18 अप्रैल 2024 को लोक शिक्षण संचालनालय की तरफ से अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के मामले में बड़ा आदेश जारी किया गया।
इसे भी पढ़ें – लाडली बहना योजना की राशि बढ़ने हेतू डिप्टी CM जगदीश देवड़ा ने दिया ये जवाब
लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त शिल्पा गुप्ता द्वारा आदेश जारी करते हुए कहा गया कि अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है उन्हें सीधी भर्ती में 25 फ़ीसदी आरक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकारी स्कूलों के 70 हजार से अधिक शिक्षक पदस्थ
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले 15 सालों से ज्यादा की सेवाएं दे रहे 70 हज़ार से अधिक अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। वहीं लोग शिक्षण संचालनालय की तरफ से आदेश जारी होने के बाद से इन 70 हजार से अधिक शिक्षकों में रोष है। जारी आदेश में यह स्पष्ट कहा गया है कि अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण का लाभ उपलब्ध नहीं कराया जाएगा उनको सीधी भर्ती के आधार पर 25% का आरक्षण प्राप्त होगा।
इसे भी पढ़ें – मध्यप्रदेश के 3 जिलों में होगी ओलावृष्टि, बाकि जिलों में 24 अप्रैल तक तेज आंधी के साथ होगी बारिश