महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत सरकार द्वारा संचालित देश की सबसे बड़ी रोजगार उपलब्ध कराने वाली योजना है। इस योजना के तहत देश के बेरोजगार श्रमिकों को 100 दिनों की निश्चित अवधि के लिए रोजगार प्रदान किया जाता है। वहीं मनरेगा के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्र के 24 करोड़ 80 लाख श्रमिक पंजीकृत है जो प्रति वर्ष 100 दिनों का रोजगार प्राप्त करके अपनी आय का जरिया बनाते हैं।
मनरेगा योजना के तहत हर साल करोड़ों श्रमिकों को 100 दोनों का रोजगार उपलब्ध कराने का बजट केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया जाता है। वहीं इस बार केंद्र सरकार द्वारा बजट वर्ष 2024 के लिए कुल 26 हज़ार करोड रुपए की वृद्धि की गई है लेकिन मनरेगा से जुड़े लाखों श्रमिकों के लिए बहुत ही बुरी खबर है। बता दें देश के कुछ कम एक करोड़ श्रमिकों को मनरेगा के लाभ से वंचित कर दिया गया है और उनके नाम योजना से हटा दिए गए हैं।
85 लाख 64 हज़ार श्रमिक होंगे मनरेगा से बाहर
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्र के 25 करोड़ 80 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं और उन्हें हर साल 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जाता ह। बता दें इन 25 करोड़ 80 लाख श्रमिक परिवारों में से कुल 14 करोड़ 33 लाख श्रमिक परिवार ही सक्रिय हैं।
वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार द्वारा 1 फरवरी 2024 से तकरीबन 85 लाख 64 हजार श्रमिकों के नाम जॉब कार्ड सिस्टम से हटा दिए गए हैं, सिर्फ यही नहीं बल्कि बीते दो वर्ष पहले अप्रैल 2022 से लेकर फरवरी 2024 तक कुल 311.19 लाख श्रमिकों के जॉब कार्ड रद्द कर दिए गए हैं।
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लाखों श्रमिक नहीं उठा पाएंगे मनरेगा का लाभ
मनरेगा के तहत करोड़ों श्रमिक हर साल रोजगार का लाभ प्राप्त करते हैं पर इस बार देश के लगभग एक करोड़ से कुछ काम श्रमिक इस योजना के लाभ से बाहर कर दिए गए हैं। मनरेगा के अंतर्गत 85.64 लाख जॉब कार्ड सिस्टम से हटाए जाने के कई मुख्य कारण है जिस वजह से कई श्रमिक परिवार आगे निरंतर मनरेगा का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड हटाए जाने के कारण
- श्रमिकों का डुप्लीकेट जॉब कार्ड धारक होना।
- श्रमिकों द्वारा काम करने से इनकार करने पर जॉब कार्ड सिस्टम से हटाना।
- श्रमिकों का फर्जी जॉब कार्ड धारक होना।
- श्रमिक परिवार स्थाई रूप से ग्राम पंचायत से स्थानांतरित होने के कारण मनरेगा से हटाए गए।
- श्रमिक का जॉब कार्ड धारक होने पर उसकी मृत्यु के पश्चात भी उसकी गिनती की जाने वाले जॉब कार्ड हटाए गए।
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