केंद्र सरकार का बड़ा फैसला – बिना छने हुए गेहूं नहीं खरीदेगी सरकार, किसानों को 72 घंटों में होगा भुगतान

भारत सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का काम शुरू हो चुका है। 125 रुपए बोनस के साथ ₹2400 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद की तैयारी सरकार ने बहुत ही उच्च स्तर पर की है। सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए जबलपुर में कुल 130 उपार्जन केंद्र बनाए हैं जिनमें से 11 उपार्जन केंद्रों में से 6 उपार्जन केंद्र सरकार ने महिला स्वास्थ्य सहायता समूह को सौंपे हैं। वहीं 119 उपार्जन केंद्रों को मार्केटिंग फेडरेशन के नेतृत्व में चलाया जाएगा। 

भारत सरकार ने इस बार गेहूं की खरीद के दौरान किसी भी तरह का कोई जोखिम न हो इसकी तैयारी भी कर ली है। सरकार ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह गेहूं को अपने घरों से छानकर ही केंद्रों पर बेचने के लिए लाये या फिर किसान चाहें तो केंद्र पर लगी मशीनों से भी गेहूं को छनवा सकते हैं पर केवल छने हुए गेहूं की खरीदारी ही सरकार करेगी।  

किसानों को देने होंगे गेहूं छानने के पैसे 

केंद्र सरकार ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसान अपने गेहूं को सरकारी केंद्रों पर बेचने लाने से पहले उसको घर से छान कर जरूर लाएं क्योंकि केवल छने हुए गेहूं को ही सरकार खरीदेगी और यदि किसान गेहूं छानकर नहीं लाते हैं तो गेहूं उत्पादन केंद्रों पर भी गेहूं के छानने की मशीन लगाई गई हैं किसान चाहें तो उससे भी अपना गेहूं छनवा सकते हैं हालांकि किसानों को इसके लिए पैसे देने होंगे। 

130 केंद्रों से होगी 1000 करोड रुपए के गेहूं की खरीदारी  

केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के दौरान किसानों को और सुविधा न हो इसके लिए जबलपुर जिले में कुल 130 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं जिनमें से 11 उपार्जन केंद्रों सरकार ने महिला स्वास्थ्य सहायता समूह को सौंपे हैं। वही 119 उपार्जन केंद्र मार्केटिंग फेडरेशन के नेतृत्व में चलाए जाएंगे। इन 130 उपार्जन केंद्रों से लगभग 1000 करोड रुपए के गेहूं की खरीदारी सरकार हर साल करती है वही इस बार भी यह लक्ष्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है।

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सरकार नहीं करेगी क्वालिटी को लेकर कोई समझौता 

किसानों से ₹2400 प्रति क्विंटल की दर पर समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के दौरान सरकार गेहूं की क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहती। इस संबंध में जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने यह साफ कर दिया है कि गेहूं की क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा सिर्फ छना हुआ गेहूं ही सरकार खरीदेगी।  

गेहूं की क्वालिटी की जांच करने के लिए सरकार द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम तैयार की गई है जो प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर तैनात रहेगी। कलेक्टर ने कहा कि गेहूं की खरीद के दौरान कोई गड़बड़ी या घोटाला पाया जाता है तो गेहूं की खरीद तुरंत रोक दी जाएगी।

किसानों को 72 घंटों में होगा भुगतान

किसानों के लिए इस बार एक और खुशखबरी है कि इस वर्ष किसानों को गेहूं खरीदी का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में करेगी। फसल खरीद का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से 48 से 72 घंटे के अंदर-अंदर सीधे किसानों के खातों में किया जाएगा।

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