मध्य प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का असर अब नजर आने लग गया है। जिसके कारण मध्य प्रदेश में अब महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री की जा रही है। प्रदेश में लगभग 5000 करोड़ महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कर दी गई है। इस प्रकार प्रदेश में महिलाएं संपत्ति की मालकिन बन गई हैं।
मध्य प्रदेश में महिलाओं के आत्मनिर्भरता के लिए सरकारी कदमों का प्रभाव
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में पिछले 1 साल में 94 करोड़ की छूट का लाभ महिलाओं को दिया गया। वहीं 34000 से भी ज्यादा महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री दर्ज हुई है। मध्यप्रदेश में महिलाओं को लेकर प्रदेश सरकार ने बहुत सी योजनाएं शुरू के हैं इन योजनाओं में से प्रमुख योजना लाडली बहन योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना और भी कई योजनाएं चलाई गई हैं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार योजनाओं के अलावा और भी बहुत कुछ कर रही है। ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके और वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने कदम उठाया है जिसके तहत अब महिलाओं को भरपूर लाभ मिल रहा है।
महिलाओं को संपत्ति के पंजीकरण में छूट
मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई कसर बाकी नहीं रखी है। अचल संपत्ति के पंजीयन में महिलाओं का नाम हो, इसके लिए राज्य सरकार ने संपत्ति के दस्तावेजों के पंजीयन में महिलाओं को 2% की छूट दी है। इस छूट का इंदौर जिले की महिलाओं ने भरपूर लाभ उठाया है। पिछले साल लगभग 94000 से अधिक रजिस्ट्री हुई हैं। जिनमें से तकरीबन 34000 से अधिक रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हुई है। इसके तहत महिलाओं को 94 करोड़ से ज्यादा की छूट प्राप्त हुई है। एक जानकारी के अनुसार पिछले साल केवल 1 साल में इंदौर जिले की महिलाएं 5000 करोड़ की संपत्ति की मालकिन बनी है।
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महिलाओं के नाम पर पंजीकरण में वृद्धि
यदि हम इस साल की बात कर तो एक अपडेट के अनुसार अब इस फाइनेंशियल ईयर में कुल 93500 के आसपास हस्तांतरण पत्र पंजीन हुए हैं। जिनमें से 36300 के करीब महिलाओं के पक्ष में हुए हैं, और जो शेष हैं, उनमें पार्टनरशिप फर्म्स है, कंपनीज है एलएलपी हैं, और जॉइंट जिसमें महिला पुरुष साथ में संपत्ति पंजीयन है।
मध्य प्रदेश शासन ने जिस उद्देश्य से महिलाओं के नाम रजिस्ट्री होने पर 2% की छूट दी थी। उसके अनुसार इंदौर जिलों में महिलाओं को भारी छूट मिली है। और यह डाटा इस वर्ष में इतने 2412 करोड़ के करीब राजस्व प्राप्त हुआ है। और 176000 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है। वित्तीय वर्ष में इंदौर जिले में 94400 रजिस्ट्रीयां हुई है इनमें 34300 रजिस्ट्रीयां महिलाओं के नाम पर हुई है।
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