मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शुरू कि गई लाड़ली बहना योजना से आधी जनता यानी महिला वोटबैंक पर सीधा असर हुआ है इसके तहत मध्यप्रदेश की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये मिलेंगे। लेकिन इस योजना के नियम और शर्तों के चलते हर महिला को इसका लाभ नहीं मिल सकता। आइये जानते हैं कि किन महिलाओं को योजना से वंचित किया गया और आखिर क्यों वें इस योजना के लिए पात्र नहीं है। और किसे इस योजना का लाभ भविष्य में मिलेगा।
लाडली बहना योजना अपडेट 2024
चुनावी साल वाले मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की है। जिसे वर्तमान में नए मुख्यमंत्री मोहन यादव जी नेतृत्व कर रहे हैं। इस योजना के तहत 23 साल से लेकर 60 साल तक की महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है। और तीसरे चरण से 21 वर्ष की महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।
हालाकि लाडली बहना योजना की जटिल पात्रता एवं आवेदन प्रक्रिया के चलते लाखों महिलाएं अभी भी इस योजना से वंचित हैं। मध्य प्रदेश में लगभग 2 करोड़ 60 लाख 23 हजार महिला वोटर्स है। लेकिन लाडली बहना योजना के लिए केवल 1 करोड़ 31 लाख पात्र महिलाएं ही पंजीकृत है और वर्तमान में इसकी संख्या कम होकर 1.29 करोड़ हो गई है।
इन महिलाओं को मिल रहा है योजना का लाभ
लाडली बहना योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जिनके परिवार की वाषिर्क आय 2.5 लाख से कम हो तथा परिवार का कोई भी सदस्य नौकरी या आयकर दाता न हो। योजना के तहत मध्यप्रदेश की महिलाओं को हर महीने 1 हज़ार रुपए दिए जाते थे लेकिन वर्तमान में 1250 रुपए और आगे चलकर 3 हजार रुपए तक दिए जाएंगे।
इसके साथ ही जिनके परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग उपक्रम मंडल स्थानीय निकाय में नियमित, स्थाईकर्मी, संविदाकर्मी के रूप में नियोजित हो। जो भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी भी योजना के अन्तर्गत 1000 या उससे अधिक राशि प्राप्त कर रही हो। जिनके परिवार का कोई भी सदस्य विधायक या राजनीतिक पार्टी से संबंधित है। जिनके परिवार का सदस्य किसी स्थानीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि हो। जिनके परिवार के सदस्यों के पास कुल 5 एकड़ से अधिक संयुक्त कृषि भूमि हो। ऐसी महिलाओं को योजना से वंचित रखा गया है।
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लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा मध्य प्रदेश की 29 सीटों का असर
लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से प्रारंभ हो जाएंगे और मध्य की कुल 29 सीटों के लिए 3 चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। जिसमें मध्य की महिला वोटर्स की अहम भूमिका रहने वाली है। प्रदेश सरकार के अधिकारियों के अनुसार, नए महिला मतदाताओं की संख्या में 2.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या केवल 2.30% है। उनके अनुसार, राज्य में 13.39 लाख नए मतदाताओं में से 7.07 लाख सिर्फ महिलाएं हैं।
मध्य प्रदेश में महिला वोटर्स की वजह से विधानसभा चुनाव की तरह इस लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश की कुल 29 सीटों पर भाजपा सरकार अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। और महीला वोट बैंक की वजह से इस लोकसभा चुनाव पर भी काफी असर हो सकता है।
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