Kids admission in MP Govt School: मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने की तैयारी कर ली है। अब 3-4 उम्र के बच्चे को भी सरकारी स्कूल के प्री नर्सरी में एडमिशन दिया जाएगा। इसके लिए सरकार पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भोपाल, छिंदवाड़ा, सीहोर, सागर और शहडोल जिलों में किया जाएगा। प्री नर्सरी की कक्षाएं लगभग प्रदेश के 1415 स्कूलों में शुरू की जाएगी।
आज के समय में शिक्षा का महत्व बढ़ चुका है और सरकार ने इसे महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया है। प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बढ़ते दामों के कारण अधिकांश लोगों के लिए अनुभव अधिक हो रहा है। इसलिए, सरकारी स्कूलों को उनकी स्थिति सुधारने की तैयारी में बच्चों को प्री नर्सरी में एडमिशन देने की एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्या है पायलट प्रोजेक्ट:- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्कूल की गुणवत्ता की जांच करना है इसमें स्कूल के 11 पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा सबसे पहले बच्चों की लर्निंग लेवल क्वालिटी की जाच करना इसके बाद स्कूलों की इंफ्रास्ट्रक्चर तथा शिक्षकों एवं हेडमास्टर को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के अनुसार नए शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी।
सबसे पहले इन शहरों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट:-
इस योजना की शुरुआत सबसे पहले इन पांच जिलो भोपाल, छिंदवाड़ा, सागर, सीहोर और शहडोल में शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत सबसे पहले प्रायोगिक तौर पर किया जाएगा इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन जिलों के 1415 स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं की शुरुआत किया जाना है। नए योजना के तहत इन स्कूलों में प्री प्राइमरी के नर्सरी में भी प्रवेश दिए जाएंगे।
सरकारी स्कूलों में इस महत्वपूर्ण कदम से होगा फायदा
- शिक्षा की गुणवत्ता की सुनिश्चितता:- सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने का लक्ष्य होता है। प्री नर्सरी स्तर पर बच्चों को अच्छी अनुभवशाली शिक्षा प्रदान की जा सकती है, जिससे उनकी शैक्षिक आधार बन सके।
- सामाजिक समानता:- सरकारी स्कूलों में छात्रों की सामाजिक समानता को बढ़ावा दिया जा सकता है। सभी वर्गों के बच्चे एक साथ पढ़ने का अवसर पाते हैं, जिससे वे अपनी विचारधारा को विकसित कर सकते हैं।
- वित्तीय सहायता:- सरकारी स्कूलों में शिक्षा की लागत कम होती है और कई बार यहां प्रवेश के लिए कोटा भी अलग किया जाता है, जिससे गरीब वर्ग के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा का अवसर मिल सकता है।
- शिक्षकों की उपलब्धता:- सरकारी स्कूलों में अक्सर अधिक संख्या में शिक्षक होते हैं, जो छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
- विभिन्नता का समर्थन:- सरकारी स्कूल विभिन्नता का समर्थन करते हैं और बच्चों को विभिन्न सांस्कृतिक और भाषाई परिवेश में रखते हैं।
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इस प्रकार, सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी में बच्चों को एडमिशन देने के फायदे हैं, जो एक अच्छी शिक्षा और समाज में समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
स्कूल के इन हिस्सों में लगेंगी नर्सरी की कक्षा
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, नर्सरी की कक्षा के लिए स्कूल में अलग कमरों की व्यवस्था की जाएगी। स्कूलों में जहाँ इन बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सके वहाँ नर्सरी की कक्षा की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों से संबंधित एक्टिविटी तथा बच्चों की शिक्षा में विशेष रुचि रखने वाले शिक्षकों को ही नर्सरी की जिम्मेदारी दी जाएगी।
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